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भाजपा – कांग्रेस दोनों खेमों में कार्यकारिणी का इंतजार

जबलपुर यशभारत। प्रदेश में सत्तारुढ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस यह नेता और कार्यकर्ता इन दिनो महानगर कार्यकारिणी को लेकर इंतजार तो कर ही रहे हैं साथ ही अपने-अपने तरीके से कयास भी लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा बेचैनी भाजपा कार्यकर्ताओं में देखी जा रही है। भाजपा महानगर अध्यक्ष की घोषणा हुए लंबा समय बीत चुका है लेकिन अभी तक कार्यकारिणी अस्तित्व में नहीं आ पाई। पहले संकेत दिए जा रहे थे कि पितृ पक्ष के बाद कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी लेकिन उसके बाद नवरात्रि दशहरा और अब तो दीपावली बीत चुकी है लेकिन अब तक कार्यकारिणी का घोषित न होना बेचैनी का सबब बना है। खुद अब भाजपा की कार्यकर्ता एक दूसरे से पूछने में लगे हैं कि क्या देवउठनी ग्यारस तक कार्यकारिणी घोषित हो जाएगी या फिर अभी और इंतजार करना पड़ेगा। पिछले दिनों प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के बाद से बेचैनी और बढ़ गई है। टीम खंडेलवाल में जिस तरह से बहुतायत में नए चेहरों को मौका दिया गया है उसे नए दावेदार उत्साहित नजर आ रही है तो वही पुराने दावेदारों और उनके आकाऔं की नींद उड़ी हुई है। उनकी चिंता का कारण है कि कहीं ऐसा ना हो कि प्रदेश कार्यकारिणी की तरह पुराने लोगों का पत्ता काटकर नये नवेले चेहरों को मौका जाये। सबसे ज्यादा परेशान वह लोग नजर आ रहे हैं जो अपने नेताओं के बलबूते पर संगठन में अपना स्थान सुरक्षित करने प्रयासरत हैं। नतीजा क्या होता है यह तो कार्यकारिणी की घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा और कार्यकारिणी कब तक आएगी इसको लेकर अभी संसय ही दिख रहा है।हालांकि भाजपा ग्रामीण की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी है लेकिन महानगर में पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है।

 बात कांग्रेस की

 अब यदि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की बात की जाए तो यहां पर भी कांग्रेस संगठन, सृजन के द्वारा नगर और जिला अध्यक्ष की घोषणा हुये भी काफी समय बीत चुका है और अभी तक उनकी भी कार्यकारिणी बन नहीं पाई है। हालांकि ब्लॉक अध्यक्षों और जिला कार्यकारिणी को लेकर कवायद जारी है। हाल ही में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में 20 जिलों के अध्यक्षों की बैठक कार्यकारिणी को लेकर हो चुकी है। और संकेत मिल रहे है कि नवंबर में कांग्रेस की शहर और ग्रामीण दोनों की कार्यकारिणी गठित कर दी जाएगी। अब देखना यह है कि यह कब तक संभव हो पता है। 20 दिनों के अध्यक्षों की बैठक तो हो भी चुकी है लेकिन 51 संगठनात्मक जिले अभी बाकी है। कांग्रेस के अंदर खाने से जो जानकारी निकाल कर सामने आ रही है उसके अनुसार जल्द ही बाकी जिलों की बैठक भी जल्द आयोजित होगी और उसके बाद घोषणाओं का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

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