ईडी की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, चीनी स्मार्टफोन मेकर वीवो ने भारत सरकार को दिया धोखा
आरोपियों को 19 फरवरी तक पेश होने के निर्देश

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय ने चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया के खिलाफ जो आरोपपत्र दायर किया उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है। इसमें कहा गया है कि वीवो चाइना ने वीवो इंडिया के माध्यम से कंपनियों का एक जाल बिछाया। इसमें वीवो चीन द्वारा भारत सरकार को धोखा देने के लिए निर्देशित करने का आरोप लगाया गया है। इस पर कोर्ट ने आरोपियों को 19 फरवरी 2024 तक पेश होने को कहा है। आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं जिन्हें स्पेशल जज किरण गुप्ता ने तलब किया है। इसमें लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के एमडी हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक को आरोपी बनाया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि वीवो चाइना के कंट्रोल वाली कई संस्थाओं ने भारतीय कानूनों और देश की आर्थिक संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया और अपने लिए गलत तरीके से फायदे के लिए जाली पहचान दस्तावेजों का सहारा लिया।
वीजा नियमों का भी उल्लंघन
एजेंसी ने कहा है कि भारत आए चीनी नागरिकों के प्रवेश वीजा का इस्तेमाल करके यह किया गया गया था, जो भारत के वीजा नियमों का उल्लंघन था। आगे कहा गया है कि झूठे डॉक्यूमेंट्स जारी करके वीवो चाइना द्वारा इसकी व्यवस्था और सुविधा प्रदान की गई थी। गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत इस महीने की शुरुआत में आरोपपत्र दायर किया गया था।