बड़ा खुलासाः सिंगाजी ताप विद्युत गृह से रु. 600 करोड़ का घाटा
सीएम को भेजा गया पत्र 85 प्रतिशत बिजली उत्पादन होना था
जबलपुर, यशभारत। म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा स्थापित प्रदेश के सबसे बड़े सिंगाजी ताप म.प्र. विद्युत गृह का परफारमेस वित्त वर्ष 2023-24 में अत्यंत घटिया रहा है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत घर की बिजली उत्पादन हेतु उपलब्धता 85 प्रतिशत समय निर्धारित की गई है। किंतु वास्तविक रूप से विद्युत गृह क्रमांक 1 जहां 74.66 प्रतिशत समय ही उपलब्ध रहा, वहीं विद्युत गृह क्रमांक 2 मात्र 72.67 प्रतिशत समय ही उपलब्ध रहा जिसके फलस्वरूप रू. 342.4 करोड़ का नुकसान उत्पादन कम्पनी को उठाना पड़ा है। यह जानकारी उपभोक्ता राजेंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजते हुए दी है। पत्र में कहा गया है कि समीपस्थ एन.टी.पी.सी. द्वारा स्थापित समान क्षमता के खरगौन ताप विद्युत गृह की उपलब्धता 89 प्रतिशत रहीं है। इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा निर्धारित प्रति यूनिट बिजली के उत्पादन में लगने वाली कोयला की मात्रा भी वास्तविक रूप से 100 से 150 ग्राम प्रति यूनिट ज्यादा रहीं है, जिसके कारण रू. 300 करोड़ की कीमत का 7 लाख मीट्रिक टन कोयला ज्यादा जलाना पड़ा है. जो कि उत्पादन कम्पनी को प्रत्यक्ष नुकसान है। इस प्रकार लगभग रु. 600 करोड़ से ज्यादा का नुकसान म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी को हुआ है। विद्युत मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट राजेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा के घटिया परफारमेंस की जांच करवाकर जिम्मेदारी तय करने की मांग की है तथा विद्युत गृह क्रमांक 2 का एकीकृत परफारमेंस गारंटी टेस्ट भी अतिशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।