अरुणोदय पत्रकारिता सम्मान समारोह 2025ः आश्चर्यचकित करती है पत्रकारों की समझ, धीरता रहे पर थम न जाए कलम, सूचनाओं के प्रसारण में जल्दबाजी इस दौर की बड़ी चुनौती


जबलपुर यशभारत। समाज को आईना दिखाने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने की पावन गंगा संस्कारधानी की धरती पर एक बार फिर प्रवाहित हुई। 30 बरस की अनवरत यात्रा का यह पड़ाव शिक्षा, राजनीति, प्रशासन और पत्रकारिता क्षेत्र की बड़ी शख्सियतों की मौजूदगी से यादगार बन गया। यशभारत कार्यालय परिसर शताब्दीपुरम उखरी में पंडित अरुण शुक्ला, श्रीमती सुशीला शुक्ला और श्रीमती माया शुक्ला की स्मृति में आयोजित अरुणोदय 2025 समारोह में अपनी मेहनत से पत्रकारिता के क्षेत्र में पहचान दर्ज कराने वाले पत्रकारों का शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और सम्माननिधि से अभिनंदन किया गया। मंच से समाजसेवा के क्षेत्र में अपना दायित्व निभा रही श्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया। समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग बड़ी तादात में इस गौरवशाली पल के साक्षी बने। विद्वतजनों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए जबलपुर की पत्रकारिता के गौरवशाली अतीत का जिक्र किया, तो दूसरी ओर वर्तमान परिवेश में सोशल मीडिया के बढ़ते खतरों के बीच प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने उपस्थित चुनौतियों से नए कलमकारों को आगाह भी किया।

समारोह के मुख्य अतिथि सांसद आशीष दुबे ने कहा कि उन्हें अपने जीवनकाल में पंडित अरुण शुक्ला से मिलने का सौभाग्य हासिल नहीं हुआ, लेकिन जब वे उनके जीवट व्यक्तित्व का जिक्र सुनते हैं, तो उनका मन श्रद्धा से भर उठता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर जगत बहादुर अन्नू ने कहा कि संस्कारधानी को जिन विभूतियों की वजह से पहचान मिली, उनमें पत्रकार पंडित अरुण शुक्ला भी शामिल हैं। महापौर ने यशभारत की पत्रकारीय शैली और सूचनाओं के प्रसार में तत्परता की सराहना करते हुए संस्थापक आशीष शुक्ला से आग्रह किया कि वे हमें ग्राहक की बजाय अखबार का पाठक बनाने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें। सबको समाहित करते हुए जबलपुर के विकास के लिए एक ग्रुप तैयार करें। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मंच से अपनी बेबाक टिप्पणी की कि पत्रकार पैसों के लिए नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और ऐसे सम्मानों के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा पत्रकारों के सोचने का तरीका और चीजों लेकर उनका नजरिया उन्हें आश्चर्यचकित करता है। कलेक्टर ने यह चिंता भी जताई कि इस दौर में पत्रकार समाज को प्रभावित कर रहा है, या समाज पत्रकारों को प्रभावित करने लगा है। समारोह में पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुशवाहा, एसपी लोकायुक्त संजय साहू, जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के कुलगुरू पीके मिश्रा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो राजेश वर्मा, जीएसटी सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर लोकेश लिलहारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा की मौजूदगी रही।
ये हुए सम्मानित व पुरस्कृत
श्री अरुण शुक्ल स्मृति वरिष्ठ पत्रकारिता सम्मान
डॉ विनोद पुरोहित -स्वतंत्र पत्रकार
पत्रकारिता पुरस्कार
अबीशंकर नगाईच-पत्रिका, अनूप जैन दैनिक भास्कर , अभिषेक तिवारी -नई दुनिया,हर्षित चौरसिया पीपुल्स , अंकित उपाध्याय प्रदेश टुडे और इलेक्ट्रानिक मीडिया से कुमार इंदर न्यूज 24 को दिया गया। जबकि श्रीमती माया देवी श्रेष्ठ महिला पत्रकारिता पुरस्कार शिवांजलि वर्मा हितवाद को प्रदान किया गया श्रीमती सुशीला शुक्ला स्मृति में सर्वश्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता -श्रीमती माया कश्यप और रंजना खरे को शॉल श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और सम्माननिधि से सम्मानित और पुरस्कृत किया गया ।
इनने किया स्वागत
अतिथियों को स्वागत आशीष शुक्ला, अखिलेश शुक्ल,पर्व जायसवाल,राजुल करसोलिया अवधेश कटारे,अभिषेक शुक्ला-, अजेय शुक्ला,अर्पित शुक्ला, अंकित शुक्ला, अस्तित्व शुक्ला ने किया।
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शानदार संचालन
समारोह का मंच से अपनी चिरपरिचित शैली में वरिष्ठ अधिवक्ता सम्पूर्ण तिवारी ने शानदार संचालन किया।
हम सब एक बगीचे जैसे अपना जीवन व्यतीत करें और खुशहाल रहें : आशीष शुक्ला
स्वागत भाषण में इतना ही कहना है यह शहर बहुत बेहतरीन है। पत्रकारों के लिए आप सब एकत्रित होते हैं। पत्रकारों के कार्यक्रम बचपन से देखे हैं , और पत्रकारों के दर्द को जनता हूं। पत्रकार बड़े में लोगों के नाम छापते है और खुद पीछे रहते। एक वो समय था जब इतने बड़े बड़े लोगों के बयान के लिए पत्रकार परेशान रहते थे, अब इतने बड़े अधिकारी और राजनेता पूरा समय देकर पत्रकारों का हौसला बढ़ाते है। हम सब एक बगीचे जैसे अपना जीवन व्यतीत करें और खुशहाल रहें। चयन समिति के लोग सक्रिय पत्रकारों का चयन करते हैं और हम सब उन्हें प्रतिवर्ष सम्मानित करते हैं।
यशभारत एप का लोकार्पण
अनुराग श्रीखंडे, रोहित तिवारी, नामदेव जी और टीम ने यशभारत के ऐप की जानकारी देकर एप का उद्घाटन किया । अनुराग श्री खंडे ने कहा कि यह पहला प्रयास हैं। आशीष शुक्ला की पत्रकारिता के प्रति दीवानगी को देखकर एप तैयार किया। आप सब लोग इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करें। स्क्रीन पर एप की लॉन्चिंग के साथ पूरी डाउनलोड प्रकिया का प्रस्तुतीकरण किया गया। अब हर पल का अपडेट मिलेगा। सभी से अनुरोध किया गया कि प्ले स्टोर में जाकर एप डाउनलोड करें।
डायरेक्टरी अरुणोदय 2025 का विमोचन
अतिथियों ने समारोह के समापन पर यशभारत की टेलीफोन डायरेक्टरी अरुणोदय 2025 का विमोचन किया। इस मौके पर सम्मानीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह आयोजन समिति के सदस्यों के द्वारा भेंट किया।
पत्रकारों की पारदर्शी कलम से ही प्रजातंत्र मजबूत होगा-विवेक तनखा
आशीष शुक्ला को अपने पिता की स्मृति में कार्यक्रम करने के लिए बधाई। कई सालों से यह कार्यक्रम कर रहे है। जो पत्रकार निष्पक्षता और निडरता से काम करते है उनको प्रोत्साहित करते है सम्मान देकर। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। समाज के जागरूक प्रहरी बनकर पत्रकार अपना काम कर रहे है, उन्हें सम्मानित होने की बधाई। उनकी पारदर्शी कलम से ही प्रजातंत्र मजबूत होगा।
समाज सुधार के प्रयासों में मीडिया और पत्रकारों की खास भूमिका:पीके मिश्रा कुलपति जेएनकेविवि
30 साल से जो पुरानी श्रृंखला चल रही है उसको आशीष शुक्ला जारी रख रहे है। अब पत्रकारिता में परिवर्तन आ गया। पहले चार पांच अखबार ही निकलते थे अब प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में प्लेटफार्म बढ़ गए है। मीडिया समाज को दिशा दे रहा। समाज सुधार के प्रयासों में मीडिया और पत्रकारों की खास भूमिका है। उन्होंने मंच पर सम्मानित होने वाले पत्रकारों को बधाई दी।
जब हम न होंगे तब हमारी …. सूर्यकांत शर्मा अतिरक्त पुलिस अधीक्षक
अरुण शुक्ला जी की स्मृति आयोजित सम्मान समारोह में सभी का अभिनंदन। कितना सुखद अवसर है कि जब अरुण शुक्ला जी ऊपर से देख रहे होंगे कि कितना शानदार कार्यक्रम कर प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो वे खुश हो रहे होंगे, इन भावों के साथ –
जब हम न होंगे तब हमारी
खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते
अश्कों से भीगी चांदनी में
इक सदा सी सुनोगे चलते चलते
वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम
तुमसे मिलेंगे, बन के कली बन के सबा बागे वफा में….
ये आशीष शुक्ला के संस्कार हैं कि उन्होंने अपने माता पिता की स्मृतियों को जिंदा रखते हुए प्रतिभाओं को पुरस्कार देने का बीड़ा उठाया हैं। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद आत्मीयजन के लिए ये पंक्तियां सुनाई –
फिर खो न जाए हम कभी दुनियां की भीड़ में,लाती है ऐसे मोड़ पर किस्मत कभी कभी
मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी
कलयुग का समय है। पत्रकारों की चुनौती है बहुत। उनके लिए यह गीत गाकर हौसला बढ़ाया-
जो अपनी सच्ची सूरत दिखा दे, ऐसे हैं दुनिया वाले, दिल सच्चा और चेहरा झूठा …
जिन नए पत्रकारों को नहीं मिला पुरस्कार उनके लिए उन्होंने ये गीत प्रस्तुत किया
इनकार नहीं करना, इकरार नहीं करना
हद से ज्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
जिस महाकुंभ के आयोजन में हम शामिल होकर गदगद हो रहे है। उन्हीं संस्कारों को जीवन में उतारे
हम उस देश के वासी है, जिस देश में गंगा बहती है….
अपनी ही फील्ड से लोगों का चुनाव बड़े दिल का काम -राजेश वर्मा, कुलपति रादुविवि
पिछले कार्यक्रम का मैं साक्षी रहा हूं। पिछले 20 साल से यह कार्यक्रम अनवरत चलना बड़ी बात है। देखा गया है कि कोई भी नई शुरुआत तीन चार साल चलकर बंद हो जाती है पर आशीष शुक्ला जी संस्कारधानी जबलपुर के लोगों को परिवारभाव से जोड़कर यह आयोजन करते हैं। उन्होंने कहा अपनी ही फील्ड के बीच से लोगों का चुनाव करना बड़े दिल का काम है, यह प्रेरणा दायक है। यशभारत हर दिन बढ़ता जा रहा है। बहुत तेज सूचनाओं को प्रसारित करता है। कई बार हमारे विश्वविद्यालय की सूचनाएं मिनटों में हमे व्यवस्थित रूप में मिल जाती है। यशभारत का यश बढ़े, इसके लिए शुभकामनाएं।
सम्मान के बाद बढ़ जाती है इंसान की जिम्मेदारी : कुमार इंदर
चयन समिति ने जब चयन किया तब खुश था, डर भी था कि सम्मान के बाद इंसान की जिम्मेदारी, दायित्व और सहजता बढ़ जाती है। चयन समिति का आभार जिन्होंने मुझे इस योग्य समझा।
पत्रकारिता आसान नहीं है, बहुत चुनौतियां है : कलेक्टर दीपक सक्सेना
मुझे आईजी साहब बता रहे थे कि पिछली बार जो कार्यक्रम हुआ था, उसके पैटन में बदलाव हुआ है। आशीष शुक्ला जी ने यह खूबसूरत बदलाव किया। बीच में सम्मान भी और स्पीच भी। इस बात को शिद्दत से महसूस करता हु कि पत्रकारिता लोग पैसों के लिए नहीं बल्कि सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए करते है। पत्रकारिता आसान नहीं है, बहुत चुनौतियां है। पत्रकारों का सोचने का तरीका और समझ मुझे आश्चर्य चकित करती है। जब हम आपके विश्लेषण को देखते है तो लगता है आप हर फील्ड में कितना पढ़ते होंगे। हर क्षेत्र में आपको महारत है। समाज के लिए यह चैलेंज है कि पत्रकारिता में ठहराव जो होता था, वो पीछे जा रहा। ब्रेकिंग के दौर में यह सोचने का विषय है कि पत्रकार समाज को प्रभावित कर रहा, या समाज पत्रकारिता को प्रभावित कर रहा। सूचनाओं के प्रसारण की जल्दबाजी एक चुनौती बनकर आ रही है।
प्रिंट मीडिया का दौर हमेशा कायम रहेगा:अनिल कुशवाहा, आईजी
सभी सम्मानित पत्रकारों को बधाई। उनकी मेहनत की सराहना करता हूं। चौथे स्तंभ के साथ हम प्रशासन के लोग इसे अपना आईना मानते हैं। टीआरपी के चक्कर में आधी अधूरी खबरे प्रकाशित होती है , जिसके खतरे बहुत है। सोशल मीडिया आज किसी को हीरो, कल जीरो बना देता है। पत्रकारों को चाहिए कि वस्तुस्थिति समझते हुए सही खबरों का प्रकाशन और प्रसारण करे। अब सोशल मीडिया और यू ट्यूबर खबर की आत्मा को किल कर देते है, लेकिन प्रिंट मीडिया का दौर हमेशा कायम रहेगा।
देश काल परिस्थिति के हिसाब से पत्रकारों को बदलना होगा:विनोद पुरोहित
शासन प्रशासन राजनीति, शिक्षा की अग्रिम पंक्ति की शख्शियतों की मौजूदगी है। मेरे लिए यह सम्मान बहुत विशिष्ट है। यह मेरा शहर है। जहां से चलना शुरू किया एक पत्रकार ने, उस जमीन पर उसे सम्मानित किया जाना बड़ी बात है। यशभारत को साधुवाद। सम्मान इस बात का प्रतीक है की आपका सम्मान बना रहे। समाचार का अर्थ समभाव। ये प्रोफेशन अलग तरह का है। जरा फासले से मिलें। न किसी से बहुत विरोध, न किसी का बहुत समर्थन। देश काल परिस्थिति के हिसाब से पत्रकारों को बदलना होगा। पत्रकारिता में धीरता रहे, पर हम थम न जाएं। काम में रफ्तार होना चाहिए। पत्रकारिता में जानने की प्रवृत्ति बहुत अहम है। उन्होंने अपनी उदयपुर यात्रा के संस्मरण भी सुनाए। पत्रकार को महाभारत के संजय की तरह ही रहना है। अरुणोदय एक सार्थक नाम है। कवि दिनकर की पंक्ति है –
मनु नहीं मनु पुत्र है यह सामने
जिसकी कल्पना की जीभ में भी धार होती है
बाण ही होते हैं विचारों के नहीं
स्वप्न के हाथ में भी तलवार होती है
सम्मानित होने वाले सभी पत्रकार साथियों को बधाई, इस अपेक्षा के साथ की अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहें। व्यक्तिगत रूप से इस सम्मान के लिए आशीष शुक्ला जी का विशेष आभार।
हमको ग्राहक की बजाय वापस पाठक बना दीजिए। महापौर जगत बहादुर सिंह
गरिमामय कार्यक्रम निरंतरता का प्रतीक है। आशीष शुक्ला जी को इस बात का धन्यवाद, जो लोग हमे फूलों और कांटों की माला पहनाते हैं, उनका मंच हमे देते है। जो काम नेताओं को करना होता है अगर नहीं करते तो कांटों की माला पहना देते है। जो अखबार में आ जायेगा, उसे मान लीजिए कि वो काम हो गया। जो अखबार में नहीं आया तो समझ लीजिए वो काम नहीं हुआ। हमको ग्राहक की बजाय वापस पाठक बना दीजिए। हम लोग गलती 324 की करते है लेकिन सर्टिफिकेट 307 और 302 का मिल जाता है। आशीष शुक्ला जी से आग्रह किया कि संस्कारधानी के लोगों को वापस ग्राहक से पाठक बना दीजिए। यह शहर आचार्य रजनीश, महेश योगी, सुभद्रा कुमारी चौहान, बखरी वालों का शहर है तो यह शहर अरुण शुक्ला का भी शहर है। जबलपुर के विकास में पत्रकारों का योगदान बड़ा है। हम सब बैठकर शहर के विकास की योजना बनाते हैं।
श्रीमती सुशीला शुक्ला ने परिवार को संभाला:सांसद आशीष दुबे
स्व अरुण शुक्ला जी, सुशीला शुक्ला जी और माया शुक्ला जी की स्मृतियों को नमन। आशीष शुक्ला के व्यक्तित्व और कृतित्व के कारण हम सबको यहां आने का सौभाग्य मिला। पत्रकारों के सम्मान का हमको अवसर मिला। जैसा नाम है अरुणोदय, वैसा ही काम। अरुण को उदय होने से कोई रोक नहीं सकता। माता पिता की याद में 30 साल से इस कार्यक्रम को चलाना बहुत प्रेरणा का काम है। मैं अरुण शुक्ला जी से मिला नहीं पर जब उनके बारे में सुनता हूं तो मन श्रद्धा से भर जाता है। जबलपुर की पत्रकारिता की गौरवशाली विरासत को आशीष शुक्ला आगे ले जा रहे। गोपनीय सूचनाओं को निकालना और खबरों के रूप में लोगों तक पहुंचने की अदभुत शैली आशीष शुक्ला की पहचान है। इसके पीछे उनकी अटूट मेहनत है। अरुण शुक्ला जी के बाद श्रीमती सुशीला शुक्ला और फिर आशीष शुक्ला जी ने परिवार को संभाला। पत्रकारों का सम्मान हम लोगों ने नहीं किया बल्कि आपकी खुदकी मेहनत की वजह से यह संभव हुआ। पत्रकारिता को पत्रकार मिशन के रूप में लेता है, व्यवसाय के रूप में नहीं। पत्रकार सच्चाई को समाज के सामने लाते है। आईना है पत्रकार। इसके दो पहलू होते है। चेहरे की खूबसूरती दिखाता है तो चेहरे के दाग भी दिखाता है। यशभारत परिवार को इस सम्मान समारोह के आयोजन के लिए बधाई। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। हमको आप आदतन पाठक बनाइए। हमको एक ऐसे मंच की जरूरत है, जिसमें पूरे संसदीय क्षेत्र के विकास की बात हो। पत्रकार समालोचना के साथ काम करते हैं। हमारा दायित्व हमारे जबलपुर के प्रति है।
ये रही चयन समिति
श्रेष्ठ पत्रकारों का चयन शहर के प्रतिष्ठित संपादकों की चयन समिति जिनमें हिन्दी एक्सप्रेस के संपादक रविन्द्र वाजपेयी, दैनिक भास्कर के समाचार संपादक पंकज शुक्ला, पत्रिका के संपादकराजेन्द्र गहरवार, जयलोक के सच्चिदानंद शेकटकर, नई दुनिया के उज्ज्वल शुक्ला ,प्रदेश टुडे के पवन पांडे,यशभारत के प्रवीण अग्रहरि ने किया।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में मीडिया जगत के विशिष्ट जनों के साथ ही बड़ी संख्या में प्रेस कर्मी जनप्रतिनिधि राजनैतिक, सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। सतेन्द्र जैन जुग्गू, विधायक अभिलाष पांडे , पूर्व महापौर प्रभात साहू, भाजपा नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर , ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटैल, सतीश उपाध्याय, डॉ पुष्पराज पटैल,डॉ मयंक चंसौरिया डॉ सुबोध दरबारी, राजीव बड़ेरिया,मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. पुष्पराज बघेल, परीक्षा नियंत्रक डा सचिन कुचिया, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला परियोजना समन्वयक योगेश् शर्मा, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग के कर्मचारी संघ के संयोजक पंडित योगेन्द्र दुबे, ब्रामहण मंंच के रत्नेश मिश्रा, दिनेश् मिश्रा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा, जबलपुर चेम्बर के हिमांशू खरे, युवा मोर्चा के ओम दुबे, उद्योगपति अजीत समदडिया, समाजसेवी शैलेन्द्र सिंह ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा, पार्षद विमल राय, भाजपा नेता मनीष अग्रहरि, ताहिर अली, मनोज नामदेव, रंजीत ठाकुर, अयोध्या तिवारी, संतोष दुबे पंडा, नितिन भाटिया आदि मौजूद रहे। आयोजन समिति में शरद जैन पूर्वमंत्री, अवधेश कटारे, उदयभान सिंह,पर्वजायसवाल,राजुल करसोलिया,आदित्य पंडित, अखिलेश शुक्ला, आशीष शुक्ला, अभिषेक शुक्ला, अजेय शुक्ला, सौरभ शुक्ला, अर्पित शुक्ला, अंकित शुक्ला, रुझान, प्रखर,मोनिका, साक्षी, अस्तित्व, अर्थ, सांझ ,यशिका ईशानी शामिल रहे।