कटनीजबलपुरमध्य प्रदेश

सिनगौड़ी धान उपार्जन केंद्र में मनमानी,  40 किलो 700 ग्राम की जगह 41 किलो 300 की तौल

बरही/कटनी, यशभारत। धान उपार्जन केंद्र सिनगौड़ी में मनमानी हावी है। आलम यह है कि न सिर्फ निर्धारित तौल से अधिक तौल कराई जा रही है, तो वहीं बिना छन्ना लगाए ही सीधे धान बोरियों में सील बंद करने का कारनामा किया जा रहा है। आरोप यह भी है कि इस केंद्र में व्यापारी हावी है। सांठ-गांठ से व्यापारियों की धान बड़ी आसानी से खरीदी जा रही है, जबकि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बताया गया है कि इस केंद्र में करीब 40 हजार क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है, जिसमे से करीब 25 हजार क्विंटल धान का परिदान भी हो चुका है। बताया गया है कि प्रियदर्शनी सहकारी समिति विजयराघवगढ़ के माध्यम से यहां उपार्जन कार्य का संचालन किया जा रहा है। निर्धारित मानक व मापदंड को दरकिनार कर यहां बेखौफ होकर मनमानी की जा रही है। तस्वीरे साफ बयां कर रही है कि इस केंद्र में किस कदर मनमानी की जा रही है। घटिया धान को सीधे बोरियों में पैककर गोदामों तक पहुंचाया जा रहा है। बताते है कि सांठ-गांठ का कारोबार इतना तगड़ा है कि इस केंद्र के वाहन गोदाम पहुंचते ही सेटिंग से अंदर हो जाते है। बहरहाल जिम्मेदार यहां हो रही मनमानी पर अंकुश लगाए व सीधे-साधे किसानों को न्याय दिलाए, तो शासन की मंशा का उचित लाभ जरूरतमंदों को मिलेगा।
ये है नियम
धान उपार्जन के लिए सख्त निर्देश है कि छन्ना लगाकर साफ धान ही बोरियों में बंद किए जाए किसानों से 40 किलो 700 ग्राम से अधिक तौल न होए बिचौलियों पर निगरानी की जाएए स्लाट बुकिंग के आधार पर खरीदी होए लेकिन इस केंद्र में किसी भी नयन का पालन नही हो रहा है।

अब तक 18 हजार 493 किसानों से खरीदी गई धान
जिले में अब तक 18 हजार 493 किसानों से 1 लाख 65 हजार 265 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है, इसके साथ ही 2 हजार 281 किसानों को 47 करोड़ रूपये का भुगतान भी किया जा चुका है। उपार्जित धान 1 लाख 65 हजार 265 मैट्रिक टन के विरूद्ध 1 लाख 9 हजार 701 मैट्रिक टन धान का परिवहन किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक कुल धान खरीदी का 78 प्रतिशत धान का परिवहन और भंडारण किया जा चुका है। इसके अलावा 73 हजार 345 स्वीकृति पत्रक भी जारी किये जा चुके हैं। किसानों को 47 करोड़ की राशि का भुगतान आधार लिंक बैंक खाते के जेआईटी के माध्यम से किया जा चुका है। किसानो को भुगतान की प्रक्रिया निरंतर जारी है।

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