जबलपुर-पुणे सीधी ट्रेन और उड़ाने बंद होने पर सरकार से जवाब राज्यसभा में सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने दागे सवाल
भोपाल यशभारत। जबलपुर से पुणे सीधी ट्रेन और पिछले कुछ समय से जबलपुर से अन्य शहर को जोड़ने के लिए विमान सेवाएं बंद होने पर राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने केंद्र सरकार पर सवाल दागे हैं। हालांकि सरकार की तरफ से राज्यसभा सांसद के सवालों का जवाब दिया गया है। राज्यसभा सांसद ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से भी सवाल करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारियों के लिए एक समान सेवा शर्त है। इसी तरह जबलपुर-पुणे सीधी ट्रेन चलाने पर उसका नाम रजनीश ओशो पर रखने का सवाल किया।
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने नागर विमानन मंत्रालय से पूछा है कि पिछले 5 सालों में जबलपुर से उड़ने वाले कितने विमानों को बंद किया गया इस पर नागर विमानन राज्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि मार्च 1994 में वायु निगम अधिनियम के निरसन के साथ ही भारतीय घरेलू विमानन को विनियमन मुक्त कर दिया गया है। एयरलाइनें किसी भी प्रकार के विमान के साथ क्षमता बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं, सरकार द्वारा जारी किए गए मार्ग संवितरण दिशानिर्देशों (आरडीजी) और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमोदित उड़ान शेड्यूल के अनुपालन के अधीन किसी भी बाजार और नेटवर्क को सेवा देने हेतु चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। इसलिए, यह एयरलाइन प्रचालकों पर निर्भर है कि वे अपनी परिचालन और वाणिज्यिक व्यवहार्यता के आधार पर देश के किसी भी हवाईअड्डे से के लिए हवाई सेवाएँ शुरू करें।
आयुष्मान भारत योजना की नियंत्रक-महालेखा परीक्षक पर सवाल
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने पूछा है कि क्या आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आलोक में, सरकार जवाबदेही बढ़ाने के लिए, एनएचएस-शैली की निगरानी प्रथाओं, जैसे कि लाभार्थियों के लिए अस्पताल सेवाओं तक पहुंचने से पहले सामान्य प्रैक्टिशनर (जीपी) की सिफारिश की आवश्यकता, को अपनाने पर विचार कर रही है इस पर परिवार कल्याण स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रू आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसमें भारत की आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर निचले 40ः हिस्से में शामिल 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को मध्यम और विशिष्ट स्वास्थ्य परिचर्या हेतु अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है। एबी-पीएमजेएवाई के तहत, योजना के लाभार्थियों को स्वास्थ्य परिचर्या सेवाएँ प्रदान करने के लिए 29,929 से अधिक अस्पतालों का नेटवर्क पैनलबद्ध किया गया है। इसमें 13,222 निजी अस्पताल शामिल हैं।