जबलपुर, यशभारत। सिविल लाइन थाने में एनएसयूआई छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष विजय रजक का सिंघम रूप देखने को मिला है। हालांकि उनका यह रूप कभी उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने वाले और संगठन के प्रत्येक कार्यक्रमों में हिस्सेदारी करने वाले पूर्व महासचिव के खिलाफ देखने को मिला। अवैध वसूली और अन्य अनैतिक गतिविधियों में संलिप्ता के आरोप में एनएसयूआई के पूर्व महासचिव की सिविल थाने में जमकर धुनाई की गई। पुलिस कर्मियों ने दौड़कर पूर्व महासचिव को बचाते हुए उसे थाने के अंदर ले गए।
संगठन के नाम पर कर रहा था वसूली
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विजय रजक ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नाम पर अंशुल सिंह कभी मेडिकल यूनिवर्सिटी तो कभी अन्य कॉलेज अपने गुर्गों के साथ पहुँचता और ज्ञापन एवं आंदोलन के नाम पर उन अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहा था, आज जैसे ही ब्लैकमेलर अंशुल सिंह के विषय में एनएसयूआई जानकारी लगी तो मौके पर पहुंचा और जमकर अंशुल सिंह की धुनाई की, विजय रजक का कहना है कि 2019 में संगठन से निष्कासित होने के बावजूद भी अंशुल सिंह एनएसयूआई के नाम पर आंदोलन की धमकी अधिकारियों को दे रहा था।
2019 में निष्कासित कर दिया गया है
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष विजय रजक ने बताया कि अंशुल सिंह को संगठन में अवैध गतिविधियों को लेकर राष्ट्रीय सचिव ने 2019 में निष्कासित कर दिया गया था इसके बावजूद अंशुल सिंह संगठन के नाम पर अवैध गतिविधियां कर रहा था, इतना ही नहीं 2021 में भी अंशुल सिंह ने 8 से 10 बार ज्ञापन मेडिकल यूनिवर्सिटी को सौंपकर संगठन के नाम पर धमकी दी।