जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

12 साल पहले मांगा था 50 हजार का दहेज, जानिए अब कोर्ट ने पति-भाभी को क्या सुनाई सजा

जबलपुर. दहेज-प्रताड़ना के एक मामले में जिला अदालत ने पति-भाभी को 12 साल बाद सजा सुनाई है. 12 साल पहले इन्होंने 50 हजार का दहेज मांगा था. दोनों को जिला अदालत ने 6 महीने की कैद और 4 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है. इसके अलावा महिला ने पति धर्मेंद्र रैकवार और सास पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर मारने की कोशिश का आरोप भी लगाया था.

जिला अभियोजन अधिकारी अजय कुमार जैन के मुताबिक आरोप लगाने वाली महिला ने पति और भाभी जानकी रैकवार के खिलाफ साल 2009 में थाना गोहलपुर में शिकायत की थी. उस मामले में अब आरोपियों को अपराध क्रमांक 746/2009,  धारा-398-ए, 34 भादवि, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 6-6 माह का कारावास और 4000 के अर्थदंड से दण्डित किया गया है.

जान से मारने की कोशिश का भी आरोप

गौरतलब है कि फरियादी महिला ने एसपी दमोह को लिखित शिकायत में बताया था कि उसकी शादी 8 जुलाई  2008 को अभियुक्त धर्मेंद्र रैकवार के साथ हुई थी. शादी के बाद पति उसे गंदी-गंदी गालियां देकर मारपीट करता था और मानसिक प्रताड़ित करता था. महिला ने पुलिस को शिकायत की थी कि उसका पति और उसकी भाभी जानकी रैकवार दहेज के 50 हजार रुपये लाने की मांग कर रहे थे. मना करने पर आरोपियों ने उसे मिट्टी का तेल डालकर जलाने की कोशिश भी की.

महिला ने कहा- ससुरालवालों ने हड़प लिए जेवर

महिला ने पुलिस को बताया कि ससुरालवालों ने उसके सारे जेवर रखकर उसे घर से भगा दिया गया. उसके बाद वह मायके चली गई. उसके माता-पिता ने पति सहित ससुरालवालों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे दहेज की मांग पर अड़े रहे. इसके बाद महिला ने घटना की रिपोर्ट गोहलपुर थाने में की. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इसके बाद मामले का अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने धर्मेन्द्र रैकवार और उसकी भाभी जानकी रैकवार को धारा 498 ए में 6 माह के सश्रम कारावास एवं 1000 का अर्थदंड तथा धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत 6 माह के सश्रम कारावास एवं 1000 का अर्थदंड की सजा दी है.

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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