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ममता सरकार ने वापस लिया झारखंड बॉर्डर सील करने का आदेश, लेकिन खत्म नहीं हुई नाराजगी

पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड सीमा सील करने का आदेश शुक्रवार देर शाम करीब 24 घंटे बाद वापस ले लिया। इसके बाद मैथन समेत जमशेदपुर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और बोकारो से लगी सीमाएं खोल दी गईं और वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है। हालांकि बहरागोड़ा और पटमदा बॉर्डर और दुमका के दुमका-सिउड़ी मुख्य पथ के महेशखला बॉर्डर और शिकारीपाड़ा-रामपुरहाट बॉर्डर से अभी वाहनों को छोड़ने की सूचना नहीं मिली है। इससे पहले सीमा सील रहने के कारण झारखंड से गुजरने वाले हजारों वाहन बॉर्डर पर फंसे रहे।

मैथन, पंचेत और तेनुघाट डैमों से पानी छोड़ने से नाराज बंगाल ने शुक्रवार शाम से झारखंड के सभी प्रवेश द्वारों को सील कर दिया था। खबर लिखे जाने तक मैथन टोल प्लाजा से निरसा तक लंबा जाम लगा हुआ था। जाम को देख भारी वाहनों को तोपचांची और धनबाद में ही रोका जा रहा था। बहरागोड़ा में जाम से सड़क के दोनों किनारे 10 हजार से ऊपर वाहन फंसे हुए थे। यहां रात 11.45 बजे जाम खुला। पटमदा सीमा पर भी वाहनों की 16 किमी लंबी कतार लगी थी। सीमा खोलने से पहले शुक्रवार दोपहर बाद मैथन में लोगों ने बंगाल से झारखंड आने वाले वाहनों को भी रोक दिया था। इससे स्थिति और बिगड़ रही थी।

वाहनों में लदे फल और सब्जी बेकार होने लगे थे। बिहार, यूपी , एमपी, पंजाब, गुजरात, दिल्ली, झारखंड के अलावा अन्य राज्यों का वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। अभी जो वाहन जाम में फंसे हैं उनमें ज्यादातर में खाद्य सामग्री है। फल, सब्जियां सड़ रही हैं। कुछ वाहनों में भेड़ और बकरियां भी लदी हैं, उनकी हालत ज्यादा खराब है। कुछ ट्रकों में मैदा, आटा, चीनी, कोयला और शाल पत्ता आदि लदा है। वाहन चालकों को भोजन-पानी की परेशानी हो रही है।
ममता ने डीवीसी से करार रद्द करने की दी थी धमकी

प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि उनकी सरकार दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के साथ सभी समझौतों को रद्द कर देगी, क्योंकि झारखंड के एकतरफा पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पत्र में तबाही से निपटने के लिए केंद्रीय निधि जारी करने का अनुरोध किया है।बहरागोड़ा के समीपबंगाल की सीमा चिचड़ा के सील होने एनएच-49 पर 20 किमी लंबा जाम 11.45 बजे रात खुला।

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