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भारत में बार बार डिरेल हो रहीं ट्रेनें, पाकिस्तान से जुड़े तार; अमित शाह ने दिए संकेत

नई दिल्ली, एजेंसी। देश में आए दिन ट्रेन हादसे की खबर सामने आ रही हंै। पिछले कुछ महीनों में रेल की पटरी पर पाए जाने वाली चीजें किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रही हैं। 8 सितंबर को कानपुर से ऐसी ही खबर देखने को मिली थी, जब कालिंदी एक्सप्रेस की पटरी पर सिलेंडर रख दिया गया था। हालांकि ट्रेन से टकरा कर सिलेंडर झाड़ियों में जा गिरा और एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया था। मगर एक के बाद एक ट्रेन डिरेल की साजिशों पर अब मुहर लग चुकी है। जी हां, भारत में बड़े ट्रेन हादसे को अंजाम देने की प्लानिंग सरहद पार पाकिस्तान में चल रही है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 55 दिन में 18 बार ट्रेन हादसों को अंजाम देने की कोशिश की गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसके संकेत देते हुए कहा था कि यह साजिश लंबे समय तक नहीं चलेगी। सरकार जल्द ही 1.10 लाख किलोमीटर रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा का खाका तैयार करेगी। अब सवाल यह है कि आखिर इसके पीछे किसका हाथ है? तो इसका जवाब ना सिर्फ जांच एजेंसियों को मिल चुका है बल्कि सरहद पार बैठे एक आतंकी ने खुद वीडियो जारी करके ट्रेन टेररिज्म का पर्दाफाश कर दिया है।

आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एनआईए की जांच में कई खुलासे सामने आए हैं। ट्रेन डिरेल की साजिशों के पीछे आईएसआईएस और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है। यह आईएसआईएस का खुरासान मॉड्यूल का हिस्सा है। 2017 में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन हादसा भारत में आई एस का पहला हमला था। तभी आईएस-के का नाम सामने आया था।
एनआईए की चार्जशीट में सामने आया सच
कुछ दिन पहले बेंगुलरु के रामेश्वरम कैफे में भयानक ब्लास्ट हुआ था। 9 सितंबर को एनआईए ने इस मामले पर चार्जशीट दाखिल की। इसके अनुसार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह गौरी था। 28 अगस्त को गौरी ने टेलीग्राम पर वीडियो जारी करते हुए भारत में ट्रेनों को निशाना बनाने का खुलासा किया था। इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
निशाने पर हैं कई बड़े राज्य खबरों की मानें तो ढ्ढस्ढ्ढ ने भारत में मौजूद कई स्लीपर सेल्स को एक्टिव करके ट्रेन हादसों को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी है। सबूतों के आधार पर दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में ट्रेनों को निशाना बनाया जा रहा है।

आईएस-के मॉड्यूल का हाथ होने का शक
सेंट्रल जांच एजेंसी से जुड़ेे एक अधिकारी ने बताया कि इसके पीछे इस्लामिक स्टेट के खुरासान ( आईएस-के) मॉड्यूल का हाथ होने का शक है। ये ढ्ढस्ढ्ढ के इशारे पर भारत में ट्रेनों को टारगेट कर रहा है। ये ईरान, मध्य एशिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में एक्टिव है। 2015 में बनाए गए आईएस-के का पहला चीफ तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान का पूर्व कमांडर हाफिज सईद खान था।शुरू में इसमें हक्कानी नेटवर्क और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान के मेंबर्स के साथ पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। इस मॉड्यूल का बेस पाकिस्तान-अफगान सीमा के अलावा उत्तर-पूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में मौजूद है।
पिछले कुछ सालों के दौरान यूपी में लखनऊ, कानपुर समेत कुछ शहरों और केरल से इस आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्ध गिरफ्तार किए गए थे।ये संगठन गजवा-ए-हिंद के एजेंडे के तहत भारत पर कब्जा करने का इरादा रखता है। सोर्सेज के मुताबिक, ये आतंकी संगठन इंटरनेट के जरिए भारत में युवाओं को आतंकी बनाने की बीते कई साल से कोशिश कर रहा है।
7 मार्च, 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में धमाके में ढ्ढस् के खुरासान मॉड्यूल का नाम आया था। उस वक्त ढ्ढस् का देश में ये पहला हमला था। इस हमले के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में 8 आतंकियों की गिरफ्तारी की थी।
इसी मॉड्यूल के मेंबर लखनऊ में छिपे आतंकी सैफुल्ला को सिक्योरिटी फोर्सेज ने 2017 में मार गिराया था। मार्च 2017 में ही कानपुर से खुरासान मॉड्यूल के गौस मोहम्मद, दानिश, फैसल, इमरान, अजहर को गिरफ्तार किया गया था। इटावा से भी कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। कई संदिग्ध युवकों के फरार होने की जानकारी भी सामने आई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि कानपुर इस मॉड्यूल का बेस हो सकता है। यही वजह है कि ज्यादातर घटनाएं क्क में ही हुईं

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