जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने एफडी प्रकरण में अपना पक्ष रखा है। विवि अधिकारियों का कहना है कि भ्रामक और तथ्य हीन जानकारियां प्रसारित कराई जा रही है, क्योंकि जो जानकारियां लोगों तक पहंुच रही है उसमें सच्चाई तो है परंतु पूरी नहीं। विवि का कहना है कि पूरे मामले की जांच कुलपति के दिशा-निर्देश पर एक जांच कमेटी कर रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है ऐसे स्थिति में भ्रामक जानकारियों फैलाना गलत है।
विवि कुलसचिव डाॅक्टर पुष्पराज बघेल का कहना है कि विश्वविद्यालय के संज्ञान में आया है कि विश्वविद्यालय के वित्तीय प्रकरणों बैंकों में जमा राशि एवं एफ.डी. के सम्बन्ध में भ्रामक जानकारियाँ फैलाई जा रहीं हैं, कि विश्वविद्यालय में 120 करोड़ रूपये की भारी वित्तीय अनियमितताएं की गयी हैं। विश्वविद्यालय ऐसी भ्रामक जानकारियों का खंडन करता है। विश्वविद्यालय की समस्त धन राशि राष्ट्रीयकृत बैंकों के चालू खातों एवं एफ.डी. के रूप में पूर्णतः सुरक्षित है। किसी भी व्यक्ति, अधिकारी अथवा निजी संस्था के खातों में निजी लाभ हेतु विश्वविद्यालय की धन राशि के अंतरण अथवा दुरुपयोग के कोई भी प्रकरण नहीं हुए हैं। विश्वविद्यालय की एफ.डी. की राशि के प्रबंधन के सम्बन्ध में पिछले वर्ष कुलपति एवं कार्य परिषद् सदस्यों के संज्ञान में जानकारी आयी थी। जिसकी विवेचना हेतु कुलपति द्वारा उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में, एक पूर्व कुलपति एवं एक वरिष्ठ प्राध्यापक की सदस्यता वाली जाँच समिति गठित कर जाँच करवाई जा रही है। जाँच समिति की जाँच लगभग पूर्ण होने को है तथा समिति की अंतरिम रिपोर्ट महामहिम को संप्रेषित की जा चुकी है।