
दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। रविवार सुबह हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर सुबह 7 बजे 205.81 मीटर तक पहुंच गया था।
शनिवार को वाटर लेवल खतरे के निशान (205.33 मीटर) के आसपास रहा। जो लोग पानी कम होने के बाद अपने घरों में लौट गए थे, उनमें से कई शनिवार को राहत शिविरों में लौट आए।
बीते दिन हिमाचल के कुल्लू व शिमला में बादल फटने की घटनाएं हुईं, वहीं अलग-अलग हादसों में 7 मौतें भी हुई हैं। इससे प्रदेश में मानसून में मरने वालों की संख्या 154 हो गई है।
गुजरात के जूनागढ़ शहर में शनिवार को चार घंटों में हुई 10 इंच बारिश से बाढ़ आ गई। हालांकि, बारिश बंद हो गई लेकिन, कई इलाकों में अब भी पांच फीट तक पानी भरा हुआ है।
महाराष्ट्र के इर्शालवाड़ी गांव में लैंडस्लाइड के चार दिन बाद भी 82 लाेग लापता हैं। मरने वालों की संख्या 26 हाे गई है। यवतमाल में बाढ़ में फंसे 45 लाेगाें काे बचाने के लिए एयरफोर्स के दाे हेलिकॉप्टर लगाए गए।