ऑपरेशन सिंदूर में पाक के 40 जवान और 100+ आतंकी ढेर, सेना ने गिनाए टेरर कैंप से एयरबेस तक के निशाने

ऑपरेशन सिंदूर में पाक के 40 जवान और 100+ आतंकी ढेर, सेना ने गिनाए टेरर कैंप से एयरबेस तक के निशाने
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान के परिणामों की जानकारी दी। मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने बताया कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 40 जवान और अधिकारी मारे गए हैं। साथ ही, 100 से ज्यादा आतंकवादी भी ढेर किए गए हैं, जिनमें कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले में शामिल रहे 3 प्रमुख आतंकी शामिल हैं।
ले. जन. घई ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का एकमात्र लक्ष्य आतंकवाद के योजनाकारों और उनके ठिकानों को तबाह करना था। विभिन्न एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर 9 ठिकानों को पहचाना गया, जो पीओके और पाकिस्तान के अंदर थे। इनमें लश्कर का हेडक्वार्टर मुरीदके, जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकी ट्रेनिंग ले चुके थे, और बहावलपुर का ट्रेनिंग कैंप प्रमुख थे। एयरमार्शल भारती ने बताया कि मुरीदके जैसे ठिकानों पर एयर-टू-सरफेस मिसाइलों से सटीक हमले किए गए ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो।
सेना के अधिकारियों ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय ठिकानों पर किए गए हमलों का भी जिक्र किया। एयरमार्शल भारती ने बताया कि पाकिस्तान ने जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल सहित कई भारतीय एयरफील्ड और महत्वपूर्ण इंस्टॉलेशन को निशाना बनाने की कोशिश की, यहां तक कि सिविलियंस को भी निशाना बनाया, लेकिन भारतीय वायुसेना और सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने उनकी सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया। 8-9 मई की रात ड्रोन और एयरक्राफ्ट से भी हमले हुए, लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचा। सेना ने कहा कि वे लड़ाई चाहते थे और हम पूरी तरह तैयार थे।
भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के उन ठिकानों को निशाना बनाया जहां उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हो। इनमें चकलाला, रफीकी और रहरयार खान जैसे मिलिट्री एयरबेस और लाहौर व गुजरांवाला के पास स्थित उनके सर्विलेंस रडार सिस्टम शामिल थे। सेना ने साफ संदेश दिया कि आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत के पास पाकिस्तान के किसी भी बेस पर किसी भी सिस्टम को निशाना बनाने की पूरी क्षमता है। दुश्मनों को सलाह दी गई कि वे आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश न करें। ले. जन. घई ने दोहराया कि यह ऑपरेशन सिर्फ आतंकवादियों और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ था, पाकिस्तानी सेना या आम जनता को निशाना नहीं बनाया गया।