कटनीमध्य प्रदेश

हवाई सफर अब भी हवा-हवाई, पूर्व सीएम शिवराज की घोषणा पर अब तक अमल नहीं

कई बार विधानसभा में उठी मांग, पत्राचार की औपचारिकता निभाता रहा प्रशासन

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कटनी, यशभारत। उद्योग नगरी के नाम से मशहूर कटनी जिला आज भी एक अदद हवाई सुविधा के लिए तरस रहा है। 2024 के आगमन पर लोगो को उम्मीद बंधी थी कि इस वर्ष जिले को हवाई सुविधा से नवाजा जाएगा लेकिन दिन, महीने, साल बीतते रहे और जिले को इस महत्वपूर्ण सुविधा का लाभ नहीं मिल सका। जिले में चूना, मार्बल उद्योग, आयरनओर का बड़ा कारोबार, डोलोमाइट की पर्याप्त उपलब्धता, दुनिया में जाहिर कटनी का सेंड स्टोन, राइस मिलें, दाल मिलें, रेत की खदानें, परचून, सराफा और कपड़ा सहित कई मायनों में कटनी जिला खास अहमियत रखता है, बल्कि प्रदेश में कटनी शहर व्यापारिक मिनी राजधानी माना जाता है। इसके अलावा रेलवे का एक बड़ा जंक्शन भी है। आज की भागदौड़ भरी जिदंगी में हवाई सुविधा कटनी के लिए बेहद जरूरी है, ताकि जिले में निवेश करने वाले लोग दिल्ली, मुंबई सहित बड़े महानगरों से आसानी से पहुंच सकें लेकिन कटनी में हवाई पट्टी बनाने की घोषणा के 12 साल बाद भी अब तक इसमें कोई अमल नहीं हो पाया है।
जानकर बताते है कि 2012 में खजुराहो इंटरनेशनल ग्लोबल मीट के दौरान तत्कलीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कटनी में हवाई पट्टी बनाए जाने की बात कही थी। इसके बाद 2013 के बजट में 1 लाख रुपये तत्कालीन विधायक गिरिराज किशोर पोद्दार ने स्वीकृत भी कराए थे, ताकि प्रोविजन होने से वह काम शासन की वर्किंग में आ जाए। ग्लोबल सम्मिट में देश के उद्योगपतियों को मप्र में उद्योग लगाने के लिए बुलाया गया था लेकिन हवाई पट्टी की सुविधा न होने से बड़े उद्योगपति कटनी आने से कतराते है। यदि कटनी को यह सुविधा मिलती तो उधोगपति चार्टेड प्लेन से आसानी से पहुंच सकते है व एक दिन में वह पूरी प्रक्रिया कर वापस भी जा सकते थे। इससे जिले में विकास के नए द्वार खुलते। उद्योग, पर्यटन की दृष्टि से कटनी का विकास होता। जानकार ये भी बताते हैं कि एक बार मेक्सिको कंपनी के अधिकारियों ने कटनी आकर हवाई अड्डा बनाने के लिए सर्वेक्षण भी किया था लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री की घोषणा पर प्रशासनिक व जिम्मेदार विभाग ने ध्यान नहीं दिया है।

इस तरह चली चली प्रक्रिया, होता रहा पत्राचार

प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो 14 जुलाई 2009 को तत्कालीन विधायक गिरिराज किशोर पोद्दार ने विधानसभा में प्रश्न लगाते हुए कहा कि कटनी में हवाई पट्टी का निर्माण किया जाए। इस पर अक्टूबर 2009 को कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को कलेक्टर की ओर से पत्र भी जारी करते हुए कहा था कि अतिशीघ्र प्राक्कलन तैयार किया जाए। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जनवरी 2010 में नागरिक विमानन विभाग को पत्राचार किया था, इसके बाद 19 फरवरी 2010 को सूचना दी गई कि 4 मार्च 2010 को सचिव विमानन विभाग को पत्र लिखा गया है। 17 जुलाई 2012 के जवाब में कहा गया सीएम ने बजट के आधार पर राज्य शासन द्वारा हवाई पट्टी निर्माण के लिए सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है।

यह आ रही है अड़चनें

1. सरकार पूर्व में छोटे शहरों में हवाई सफर की सुविधा प्रारंभ करने की घोषणा की थी। कटनी में हवाई पट्टी निर्माण के बाद शहर के आम नागरिकों को भी विमान सेवाओं का लाभ मिलता।
2. स्थानों पर हवाई पट्टी निर्माण के लिए जमीन देखी। पीडब्ल्यूडी ने पहले झिंझरी के पास जमीन देखी। वहां निर्माण संभव नहीं होने के बाद मझगवां में निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की गई।
3. हवाई पट्टी निर्माण के लिए 6 बार फाइल जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई। स्थानीय अधिकारी कह रहे हैं कि एविएशन डिपार्टमेंट भोपाल को इस बारे में आगे की कार्रवाई करनी है।
4. स्वास्थ्य को लेकर होगा बड़ा फायदा

वर्तमान में कटनी में किसी को इमरजेंसी में बेहतर इलाज की जरुरत पड़ जाए तो एयर एंबुलेंस से बड़े शहरों तक जल्दी पहुंचना संभव नहीं है। कटनी में हवाई पट्टी निर्माण के बाद नागपुर, मुंबई, दिल्ली व दूसरे शहरों तक पहुंचने में समय की बचत होगी।

प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं ली खास रुचि

कटनी में जब से हवाई पट्टी बनाने का मुद्दा सामने आया है, तो राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले जनप्रतिनिधियों की बात तो छोडि़ए तत्कालिक कलेक्टरों ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसका नतीजा यह है कि कटनी को अब तक हवाई पट्टी नसीब नहीं हुई। तत्कालीन लोनिवि अधिकारियों ने मझगवां में जमीन भी चिन्हित की थी इसके बाद एमपीआरडीसी ने इस प्रोजेक्ट को अपने अंडर में लिया।

यह भी चली प्रक्रिया

1. हवाई पट्टी के लिए 25 मई 2011 को मुख्यमंत्री को किया गया पत्राचार।
2. 29 नवंबर 2011 को फिर से हवाई पट्टी के लिए लगाया गया विस प्रश्न।
3. 26 मार्च 2012 को एक बार और लगाया गया विधानसभा में प्रश्न।
4. 13 फरवरी 2016 को भी कटनी में सीएम को दिया गया मांग पत्र।

पर्यटक की दृष्टि से जरूुरी

कटनी देश का महत्वपूर्ण जंक्शन है। जंक्शन में होने के साथ ही देश के प्रमुख शहरों से रेल कनेक्टिविटी है। कटनी से मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व बांधवगढ़, पन्ना, रीवा तक पहुंचने के लिए सुलभ मार्ग हैं। इन सुविधाओं को ध्यान में रखकर देशी और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में कटनी पहुंचते हैं। इन पर्यटकों की सुविधा को भी ध्यान में रखकर स्थानीय नागरिक कटनी में हवाई पट्टी निर्माण की मांग कर रहे हैं। प्रशासनिक सूत्र कहते है कि कटनी और जबलपुर की दूरी 100 किलोमीटर होने का नियम बता कर कटनी में एयरपोर्ट नहीं बनाया जा सकता, जबकि रीवा और सतना की दूरी मात्र 50 किलोमीटर है लेकिन दोनों जिलों में एयरपोर्ट बन चुका है। सांसद वीडी शर्मा, विधायक संदीप जायसवाल भी हवाई पट्टी के लिए सबंधित विभागों से बार पत्राचार कर चुके है।

क्या कहते हैं नागरिक

कटनी में हवाई पट्टी निर्माण को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का रवैया उदासीन है। कटनी को जिला बने 26 साल का लंबा अरसा बीत गया इसके बाद भी कटनी हवाई सुविधा से वंचित है, जबकि उमरिया जैसे छोटे जिले में इसकी सुविधा उपलब्ध हैं।

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