वैदिक होलिका : 2016 से निरंतर जारी है दहन, पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल

मंडला: आदिवासी बहुल जिला मंडला में वैदिक परिवार मंडला द्वारा 2016 से निरंतर वैदिक होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक परंपराओं के समन्वय की एक मिसाल बन चुका है। इस वर्ष भी दिनांक 13 मार्च 2025 को रात्रि 10 बजे 5000 कंडों से वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार होलिका दहन किया जाएगा।
परंपरा और पर्यावरण के संगम की प्रेरणादायक पहल
परंपरागत रूप से होलिका दहन में लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिससे वनों की कटाई और वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती है। लेकिन वैदिक परिवार मंडला ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए 2016 से गोबर के कंडों का उपयोग शुरू किया। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी पवित्र माना जाता है। इस पहल में शहरवासियों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी रहती है। लोग स्वेच्छा से कंडों का सहयोग करते हैं और आयोजन को सफल बनाते हैं। वैदिक परिवार मंडला की यह अनूठी सोच पूरे जिले के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह दर्शाती है कि परंपराओं को निभाते हुए भी हम प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं। इस आयोजन से यह संदेश जाता है कि सही सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर हम अपने धार्मिक आयोजनों को पर्यावरण हितैषी बना सकते हैं। मंडला में जारी यह वैदिक होलिका दहन आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्तर पर मनाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे इसे देशभर में अपनाया जा सके।
01 कपिल वर्मा:
“वैदिक परिवार मंडला द्वारा किया गया यह ऐतिहासिक प्रयास केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और हरित भविष्य देने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। लकड़ी की जगह कंडों का उपयोग न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ता है। यह पहल यह साबित करती है कि परंपराओं को निभाते हुए भी हम आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल समाधान अपना सकते हैं। पूरे देश को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए!”
02. प्रसन्न सराफ:
“वैदिक होलिका दहन का यह अनूठा प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लकड़ी की तुलना में कंडों से होलिका दहन करने से न केवल प्रदूषण कम होता है, बल्कि धार्मिक परंपराओं का भी पालन किया जाता है। यह पहल पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक है।”
03. रूपेश इसरानी:
“वैदिक परिवार मंडला द्वारा शुरू किया गया यह अभियान समाज में जागरूकता लाने का कार्य कर रहा है। हम सबका दायित्व है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए अपनी परंपराओं का पालन करें। 5000 कंडों से होलिका दहन करना एक ऐतिहासिक कदम है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।”
04. आनंद चौरसिया:
“मंडला में वैदिक होलिका दहन की यह पहल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है। यह देखना सुखद है कि लोग इस विचार को समर्थन दे रहे हैं और एक स्वच्छ व सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।”