जबलपुर, यशभारत। प्रदेश में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन में फ र्जी आंकड़े प्रस्तुत कर, सौ फ ीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य प्राप्त करने अधिकारी आमादा है। जिसका एक मामला परसवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उस समय सामने आया जब राष्ट्रीय विकास संगठन मध्य प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष सेंकेंड डोज का सटीज़्फिकेट लेकर, सेंकेंड डोज लगवाने पहुंची। जिसके बाद अधिकारी एक दूसरे का मुंह तांकते रह गए। जिसके बाद लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है।
जबलपुर में कोरोना वैक्सीन के लिए टीकाकरण अभियान के तहत टीकाकरण केंद्र में पहुंचने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जहां कुछ लोगों को पहली डोज लगने के बाद सर्टिफि केट दूसरी डोज का भी जारी कर दिया गया है। जिससे टीकाकरण केंद्र में पहुंचकर लोग परेशान होते दिखाई दे रहे हैं । ऐसा ही एक मामला परसवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला, जहां योगिता सक्सेना प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय विकास संगठन मध्य प्रदेश अपनी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने पहुंची पर उन्हें बड़ी मुश्किल से दूसरी डोज लगाई गई, क्योंकि पहली डोज के बाद ही महिला को कुछ दिन बाद दूसरी डोज की वैक्सीन लगने का सर्टिफि केट भी जारी कर दिया गया। जबकि महिला ने दूसरी डोज की वैक्सीन नहीं लगाई थी । महिला का कहना है कि ऐसा केवल उन्हीं के साथ नहीं हुआ, बल्कि उनके जैसे कई लोगों के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसा किया गया है।
मृत होने के बाद भी जारी हो गया सर्टीफिकेट
यहां पहुंची योगिता सक्सेना ने बताया कि सिवनी निवासी उनकी आंटी की वैैक्सीन का सैकेंड डोज लगने के बाद मौत हो गयी थी। लेकिन कुछ दिन बात उनका भी वैक्सीन का सेंकेंड डोज का सर्टीफि केट जारी कर दिया गया। यह धांधली है।
25 नवम्बर को लेना था दूसरा डोज
कोरोना का टीका लगवाने पहुंची योगिता सक्सेना ने बताया कि 25 अगसत को कोविड का पहला डोज लिया था। मुझे दूसरा डोज 25 नवम्बर को लेना था। लेकिन वह शहर के बाहर थीं, जबकि वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगने के बाद भी सर्टीफि केट मिल गया।
स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही
सटीज़्फिकेट जारी होने के बाद यह पुख्ता हो जाता है कि वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही का खामियाजा कहीं आम जनता को ना भोगना पड़े, क्योंकि तीसरी लहर की चेतावनी है।