विश्व मलेरिया दिवस आज: खतरनाक मलेरिया के डंक से सावधान रहना जरूरी

सिवनी यश भारत:-आज विश्व मलेरिया दिवस है जहां अधिकारी मलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। और कह रहे हैं कि खतरनाक मलेरिया से सावधान रहना बेहद जरूरी है। मच्छरजनित ग्रा मामूली बीमारी कब घातक और जानलेवा हो जाती है,रोगी समझ नहीं पाता। थोड़ी सी सतर्कता व स्वच्छता अपना नागरिक ना केवल इस रोग को फैलने से रोक सकते हैं, बल्कि इस घातक बीमारी से अपने परिवार और पड़ोसियों को सुरक्षित कर सकते हैं।बीते दो वर्षों में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई।चिंताजनक बात यह है कि अधिकांश रोगियों में घातक फाल्सीपेरम (पीएफ) मलेरिया की पुष्टि हुई है,जिसका उपचार सही समय पर ना होने के कारण रोगी की मौत भी हो सकती है।वर्षाऋतु के दौरान मलेरिया की चपेट में आए कुछ व्यक्तियों की मौत होने की बात कही गई थी।लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार बीते साल 2024 में मलेरिया से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।
180850 को मच्छरदानी से सुरक्षा:
234823 लोगों की स्लाइड जांच में 106 व्यक्ति मलेरिया पाजिटिव पाए गए थे, जिनमें से 67 में घातक जे फाल्सीपेरम (पीएफ) मलेरिया की पुष्टि हुई थी।सभी रोगी उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए थे। गौरतलब है कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है।वहीं जिले के मलेरिया विभाग द्वारा 19 अप्रैल से नागरिकों को मलेरिया के प्रति सतर्क करने जागरूकता अभियान चलाया जा रहा
है। जिले के मलेरिया प्रभावित 371 चिंहित गांव में बीते साल 180850 लोगों को मेडीकेटड मच्छरदानी दी गई थी।
अनावश्यक दवाओं का ना करें सेवन:-
विशेषज्ञों के मुताबिक मलेरिया को मच्छर फैलाता है। इसका दूसरा घातक स्वरूप डेंगू है। वर्षाऋतु में जगह-जगह पानी व गंदगी में मच्छर पनपते हैं, जिनके काटने से मलेरिया अथवा डेंगू की आशंका बढ़ जाती है। मलेरिया ऐसी बीमारी नहीं है, जिसके होने से पहले ही दवा ली जाए। कुछ लोग डाक्टर की सलाह के बिना स्वस्थ होने के बावजूद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन
गर्मी में बढ़ जाता है खतरा: वैसे तो मुख्य रूप से मच्छरजनित बीमारियों का खतरा वर्षाकाल में अधिक होता है। लेकिन गर्मी के दौरान घर की छत में. रखी टंकियों, घर के आसपास ठहरे पानी में भी मच्छर पनपे की आशंका बनी रहती है, जिसका डंक लोगों को बीमार करता है। पांच साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए, तो मलेरिया रोगियों की संख्या बीते दो सालों में सैकड़ा के पार पहुंची है। वर्ष 2023 में पूरे साल मात्र 20 मलेरिया रोगी पूरे जिले में पाए गए थे, लेकिन बीते साल 2024 में इनकी संख्या 106 तक पहुंच गई है, जो विभाग के लिए चिंता की बात है। ठंड के साथ बुखार आना, तेज सिर दर्द होना, बार-बार उल्टी, अत्याधिक थकान, धड़कन तेज होना, पेट में दर्द, चक्कर आना इत्यादि मलेरिया के प्रमुख लक्षण हैं।
मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी का कहना है कि
मछरजनित मलेरिया बीमारी की गंभीरता के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लार्वा निविष्टीकरण अभियान चलाकर स्लाइड जाच से रोगियों की पहचान करने की प्रक्रिया नियमित रूप से चलाई जाती है। घर व सार्वजनिक स्थानों में पानी का ठहराव ना हो इसके लिए नागरिकों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है। लेरिया का फैलने से रोका जा सकता है।
बचाव पर सात दिवसीय अभियान
विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया जा रहा है। मलेरिया विभाग के मार्गदर्शन में एफएच इंडिया द्वारा 19 से 25 अप्रैल तक सात दिवसीय जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ‘एक्विटी के साथ स्वास्थ्य हर किसी के लिए, हर जगह थीम पर चल रहे अभियान का उद्देश्य मलेरिया से बचाव की जानकारी व स्वास्थ्य सेवाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। उलट, परासपानी, कल्याणपुर व गुंजई गांव में गतिविधि आयोजित की गई। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने मिलकर संदेश को जमीनी स्तर तक पहुंचाया। घर-घर संपर्क, स्कूलों में जागरूकता सत्र सहित अन्य गतिविधि के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव, जांध और समय पर इलाज के प्रति जागरूक किया गया।