कटनीजबलपुरमध्य प्रदेश

लाइसेंस फीस में 15 फीसदी बढ़ोत्तरी के कारण शराब दुकानों के नवीनीकरण पर लगा ब्रेक

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कटनी, यशभारत। महंगा ठेका होने के कारण इस बार जिले में शराब दुकानों के नवीनीकरण की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है। राज्य सरकार द्वारा लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 75 प्रतिशत से अधिक शराब दुकानों का नवीनीकरण किए जाने के निर्देशों के बाद अंतिम समय-सीमा तक केवल 3 समूहों की 7 दुकानों के लिए टेंडर जमा हुए थे। अन्य समूहों द्वारा शराब दुकानों का ठेका लेने में रूचि नहीं दिखाए जाने के कारण अब इतना तय हो गया है कि जिले में शराब दुकानों का ठेका नीलामी के जरिए ही होगा। इसके लिए जिले के आबकारी विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक नीलामी की प्रक्रिया 27 फरवरी सेे शुरू होकर 4 मार्च तक चलेगी।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ कटनी जिले में शराब दुकानों से 320 करोड़ रूपए की कमाई का लक्ष्य निर्धारित किया है, साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि 75 प्रतिशत से अधिक दुकानों का रिनवूल लाइसेंस फीस में की गई 15 प्रतिशत वृद्धि के साथ किया जाएगा। बाकी 25 फीसदी दुकानों के लिए ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो पूरा ठेका ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से होगा। जिले की 63 शराब दुकानों को 3 अरब 20 करोड़ 70 लाख 21 हजार रूपए में ठेके पर दिया जाना है। आबकारी विभाग ने राज्य सरकार के निर्देशानुसार एक अपै्रल से शराब दुकानों की नीलामी के लिए विगत 12 फरवरी से प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।

 

 

17 फरवरी तक नवीनीकरण के लिए 20 में से केवल 3 समूहों ने ही आवेदन जमा किए थे। 17 समूहों से आवेदन नहीं आने के बाद आबकारी विभाग को 22 फरवरी का इंतजार था। इस तारीख तक भी ठेकेदार नहीं माने और नवीनीकरण के लिए आवेदन जमा नहीं किया। जिसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गई। यही कारण है कि अब ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ही जिले में शराब दुकानों का ठेका दिया जाएगा।

धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से डेढ़ किलोमीटर दूर होंगी शराब दुकानें

नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश के धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से डेढ़ किलोमीटर दूर शराब दुकानें स्थापित की जाएंगी। इसी के साथ शराब दुकानें इस बार 15 प्रतिशत महंगी होने जा रही है। शराब दुकानों के वर्ष 2023-24 का वार्षिक मूल्य 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर आरक्षित मूल्य निर्धारण करने का निर्णय लिया है।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा प्रदेश की शराब दुकानों के टेंडर, भांग, भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों के टेंडर सहित अन्य विषयों के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित आबकारी नीति का अनुमोदन किया गया।

320 करोड़ 70 लाख 21 हजार रूपए का लक्ष्य

जिला आबकारी अधिकारी आर के बघेल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद इस बार जिले में शराब ठेके से 320 करोड़ 70 लाख 21 हजार रूपए प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार ने यह भी निर्देश दिए थे कि 75 प्रतिशत से अधिक शराब दुकानों का नवीनीकरण किया जाएगा। यानि 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ वर्तमान ठेकेदारों को ही दुकानों का आवंटन कर दिया जाएगा, लेकिन अंतिम तारीख तक केवल 7 दुकानों के लिए टेंडर जमा हुए। अब नीलामी करते हुए शराब दुकानों का ठेका दिया जाएगा।

आबकारी उपायुक्त ने ली बैठक, निर्देश

सूत्रों के मुताबिक कटनी जिले में शराब दुकानों के नवीनीकरण में ठेकेदारों द्वारा कोई रूचि नहीं दिखाई गई थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद जबलपुर से आबकारी उपायुक्त दो दिन पहले कटनी पहुंचे थे और जिला आबकारी विभाग के अधिकारियों की एक बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस दौरान राज्य सरकार के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ठेके को लेकर बात भी की गई। बताया जाता है कि कुछ शराब ठेकेदारों से भी बात की गई। जिसमे यह बात निकलकर सामने आई कि लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने के बाद ही ठेकेदारों ने टेंडर जमा नहीं किए।

इनका कहना है  . …

राज्य सरकार द्वारा कटनी जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शराब दुकानों के नवीनीकरण के लिए लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी। 22 फरवरी तक जिले के शराब ठेकेदारों से नवीनीकरण के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमे केवल 3 समूह की 7 दुकानों के लिए टेंडर जमा हुए थे। जिस पर राज्य सरकार ने अब शराब दुकानों की ऑनलाइन नीलामी के निर्देश दिए हैं। नीलामी के लिए जिले की 20 समूह की 63 दुकानों के लिए 320 करोड़ रूपए की राशि निर्धारित की गई है। पिछले साल 278 करोड़ में ठेका हुआ था।

-आर के बघेल

जिला आबकारी अधिकारी

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