रेपिस्ट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूर्व पदाधिकारी शुभांग गोटिया की जमानत अर्जी निरस्त
जबलपुर। रेपिस्ट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूर्व पदाधिकारी शुभांग गोटिया की जमानत अर्जी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती कंचन गुप्ता की अदालत ने निरस्त किया।
उल्लेखनीय है कि युवा मोर्चा का नेता लगातार तीन वर्षों तक शादी का झांसा देकर युवती का शारीरिक शोषण करता रहा, उसने युवती की मांग भर कर सब को यह बताया था, कि उसने हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली है, उसने लगातार 3 वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किया, एवं युवती जब गर्भवती हो गई, तो बिना उसकी सहमति के प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर, उसका अवैध रूप से गर्भपात करवा दिया, उस संबंध में जब युवती के परिवार को पता चला , तब उसने उनके परिवार में जाकर शादी हेतु प्रस्ताव रखा, आरोपी के माता-पिता ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, और किसी अन्य लड़की जिस से ज्यादा दहेज प्राप्त हो रहा था, उसके साथ विवाह करने की योजना बनाने लगे , तब परेशान होकर युवती ने महिला थाना जबलपुर में शिकायत दर्ज कराई, उल्लेखनीय है कि, उक्त आरोपी की पूर्व में भी सत्र न्यायालय, उच्च न्यायालय, एवं सर्वोच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत निरस्त कर दी थी, तब उसके बाद से अभियुक्त न्यायिक हिरासत में जेल में है अभियुक्त के द्वारा पुनः सत्र न्यायालय में जमानत आवेदन पत्र लगाया गया था , जिसे माननीय सत्र न्यायालय ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि बहुत गंभीर मामला है , और यदि इस प्रकार के प्रकरणों में जमानत का लाभ दिया जाता है तो सामाजिक संदेश गलत जाएगा , आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे एवं युवती की ओर से एडवोकेट नवीन शुक्ला एवं सरकार की ओर से अधिवक्ता अनिल तिवारी जी ने अपना पक्ष रखा।