जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

ये है जबलपुर का आरडीयू जिसने 6 साल से नैक के लिए आवेदन नहीं किया

2014 में आखिरी बार नैक की टीम आई थी रादुविवि

जबलपुर, यशभारत।  रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय नैक ( नेशनल असिसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल ) टीम की ग्रेडिंग कराने से कतरा रहा है । विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों को डर सता रहा है कि नैक टीम को बुला लिया गया तो कहीं विवि का बी ग्रेड भी दर्जा न छिन जाये । इसलिये 5 साल बीतने के बाद भी नैक के लिये आवेदन नहीं किया गया । रादुविवि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर पिछली बार नैक टीम 2014 में आई थी । उस वक्त विवि एक साल पहले से ही तैयारियों में जुट गया था । तब कहीं जाकर विवि को बी ग्रेड का दर्जा मिला था । 2021 में नैक टीम को पुनः आमंत्रित करना था , लेकिन अभी तक नहीं बुलाया गया । न ही यहां कोई तैयारी की जा रही है ।
क्या होता है नैक ग्रेड
उल्लेखनीय है कि यूजीसी की नैक टीम देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों , निजी शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता की जांच कर ग्रेड देती थी । इस टीम के कारण ही विश्वविद्यालय और काॅलेज अपने स्तर पर संस्था को बेहतर से बेहतर ग्रेडिंग लायक बनाते हैं । ताकि उनकी संस्था को अच्छी ग्रेडिंग मिले । नैक टीम निरीक्षण के दौरान विवि की शिक्षण सुविधाएं , रिजल्ट , इन्फ्राॅस्ट्रक्चर , माहौल सहित हर जरूरी व्यवस्थाओं को काउंट करती है । बताया जाता है कि इसी के आधार पर ही नैक टीम अपनी रिपोर्ट जमा करती है और उसके बाद में ग्रेड जारी होता है ।

ऐसे तय होती है ग्रेडिंग
नैक टीम की निरीक्षण से मिली ग्रेडिंग के आधार पर ही अनुदान की राशि विवि को दी जाती है । ग्रेडिंग से ही तय होता है कि विश्वविद्यालय का स्तर राष्ट्रीय है या और अंतरराष्ट्रीय है । इसी स्तर पर गुणवत्ता तय होती है ।  ग्रेडिंग के आधार पर ही विवि में चल रहे शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य की रिपोर्ट सार्वजनिक होती है ।

ये ग्रेड दिये जाते हैं
ए ़़ प्लस प्लस, ए ़ प्लस, ए , बी प्लस प्लस ़़ , बी ़ प्लस , बी , सी , डी ग्रेड दिए जाते हैं ।

इन बिंदुओं को देखा जाता है
विवि में सब्जेक्ट का स्तर क्या है , इसका क्रियान्वयन , शिक्षा की गुणवत्ता , शिक्षक व विद्यार्थियों का प्रोफाइल , विद्यार्थियों की क्षमता , कौशल का विकास शोध के संसाधन , शोध की गुणवत्त एवं शोध का प्रकाशन व उसकी गतिविधियां, शक्षण संस्था में भौतिक सुविधाएं पुस्तकालय , सूचना एवं प्रोद्योगिकी की व्यवस्था , संस्थान का रखरखाव,  विद्यार्थियों की हर संभव सहायता, संस्था का विजन , कार्यप्रणाली वित्त प्रबंधन , शैक्षणिक प्रबंधन, विश्वविद्यालय का सामाजिक दायित्व ।

बी ग्रेड भी न छिन जाए विवि इसका डर सता रहा
पहले नैक टीम के सदस्य को सेट कर लिया जाता है । उनसे मनचाहा ग्रेडिंग ले लिया जाता था । लेकिन नैक के नये नियमों के चलते यह मनमानी खत्म हो गई है । नैक टीम अब सीधे विवि व काॅलेज की स्थिति जानने के लिये विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से फोन व ई – मेल के जरिये फीडबैक लेती है । इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों की सभी व्यवस्थाएं व खामियों का अलग – अलग टीम के सदस्यों द्वारा लिया जाता है । रादुविवि के जिम्मेदारों को डर है । वे जानते हैं कि नैक टीम को मूल्यांकन के लिये बुला लिया गया तो बी ग्रेड भी छिन सकता है । इसलिये नैक टीम के लिये आवेदन नहीं किया जा रहा है । विद्यार्थियों के भविष्य पर असर नैक टीम से ग्रेडिंग न कराने का सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थियों का होगा । बताया जाता है कि वर्तमान में विवि व महाविद्यालय को विद्यार्थियों की मार्कशीट पर अपना ग्रेड लिखना पड़ता है । बड़ी कंपनियां उन्हीं काॅलेजों में प्लेसमेंट के लिए जा रही हैं । जिनका ग्रेड बी डबल प्लस , ए या ए डबल प्लस होता है । ऐसे ग्रेड वाले विद्यार्थियों को कंपनियां हाथों – हाथ ले लेती है । वहीं सी एवं डी ग्रेड वाले शिक्षण संस्थाओं में कोई भी कंपनी नहीं जाती है । वहां के विद्यार्थियों के भविष्य पर खासा असर पड़ता है ।

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