मैपिंग के अभाव में धान का नहीं हो पा रहा परिवहन, केन्द्रों में लगा अंबार, अब तक 39 हजार किसानों ने बेची 3 लाख 32 हजार 585 मीट्रिक टन धान

कटनी, यशभारत। जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी अब अंतिम दिनों पर है। कुछ दिन पहलपे मौसम खराब होने के बाद अब एक बार फिर धान की खरीदी में तेजी आई है लेकिन मैपिंग नहीं होने की वजह से धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है, जिससे और केन्द्रों में धान का अंबार लगा हुआ है। इस ओर प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। उधर मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में यदि बारिश हुई तो केन्द्रों में रखी हजारों क्विंटल धान खराब होने का खतरा मंउरा रहा है।
विदित हो कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार विगत 2 दिसम्बर से जिले के 89 केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान का उपार्जन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान ग्रेड-ए का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। किसानों की एफएक्यू गुणवत्ता की उपज अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य उपार्जित की जाएगी। धान उपार्जन को लेकर राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि केन्द्रों में किसानों को कोई परेशानी न हो और बिचौलियों और व्यापारियों की खरीदी नहीं की जाए। इसके बाद भी जिले में शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होते ही केन्द्रों में किसान का जमावड़ा लग गया। टे्रक्टर ट्राली, मेटाडोर, पिकअप, लोडर सहित अन्य वाहनों में किसान अपनी उपज लेकर केन्द्रों में पहुंचे। एक महीना बीतने के बाद अब मैपिंग नहीं होने की वजह से धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है। जिससे केन्द्रों में धान का अंबार लग गया है। जिससे कई खरीदी प्रभारी परेशान नजर आ रहे हैं।
जिले में धान खरीदी पर एक नजर
खरीदी केन्द्र 89
समर्थन मूल्य 2300 रूपए प्रति क्विंटल
पंजीकृत किसान 53193
इतने किसानों ने बेची धान 39081
अब तक धान की खरीदी 3 लाख 32 हजार 585 मीट्रिक टन
अनुमानित लक्ष्य 4 लाख 50 हजार मीट्रिक टन
किसानों को कुल भुगतान 764.95 करोड़ रूपए
किसानों को भुगतान 318.37 करोड़ रूपए
किसानों को भुगतान शेष 446.58 करोड़ रूपए
नोट : आंकड़े 7 जनवरी की शाम तक
