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मुरादों वाली मां शताक्षी का अद्भुत रहस्यमयी नकचुन्ना दरबार : 500 वर्ष पुराना है इतिहास , आस्था का लगा मेला, चढ़ता है गन्ने का महाप्रसाद

मंडला, घुघरी l विकासखंड घुघरी से महज पांच किमी दूर पोषक ग्राम सैलवारा के किसान टोला की टेकरी में विराजित मां शताक्षी का बहुत ही सुंदर अद्भुत रहस्यमई कहा जाने वाला दरबार जहां हर मुराद पूरी होती है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यह स्थान करीब 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है। पहले यहां पर एक छोटा सा चबूतरे में पत्थर की मूर्ति विराजमान थी। जिस पर लोगों की आस्था माता नकचुन्ना देवी पर बढ़ती गई और लोगों की आस्था केन्द्र बन गया। यहां के बुजूर्ग बताते है कि नकचुन्ना दरबार में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। यहां धार्मिक आयोजन समय-समय पर होते है। इसके साथ ही यहां प्रतिवर्ष आंवला नवमी के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है।

 

स्थानीय श्रद्धालुओं ने बताया कि इस वर्ष भी शताक्षी माता के दरबार में मेले का आयोजन किया गया। बताया गया कि नकचुन्ना दरबार में आयोजित होने वाले मेले में मनोरंजन के साथ दरबार के प्रति आस्था के कारण यहां लोग दूर-दूर से पहुंचे और माता को प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया गया।

यहां आने वाले लोग मेले से ली हुई सामग्री को पहले माता के दरबार में चढ़ाए, जिसके बाद उस सामग्री को अपने साथ घर ले गए। इस मेले की पहचान गन्ने से है। मेले में आने वाला हर व्यक्ति गन्ना की भेट माता को चढ़ाकर अपने साथ ले जाता है। यहां हर किसी की मुराद माता के दर्शन मात्र से पूरी होती है।

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