जबलपुरमध्य प्रदेश

मनेरी की पीएसएल फेक्टरी में दो साल से लेबरों को वेतन नहीं: कर्ज में लद गए कर्मचारी, कंपनी ने भी दुत्कार कर भगाया

कर्मचारियों ने गेट पर खड़े होकर किया प्रदर्शन, विरोध करने वालों को चेतावनी कल से फेक्टरी में घुसने नहीं मिलेगा

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर सीमा से लगे हुए मनेरी पीएसएल फेक्टरी प्लांट में वर्करों ने उस वक्त जमकर हंगामा मचाया जब उन्हें फेक्टरी प्रबंधन ने वेतन देने से साफ इंकार कर दिया। फेक्टरी में काम करने वाले वर्करों का कहना था कि दो साल से पगार नहीं मिल रही है, जबकि काम नियमित रूप से कर रहे हैं। वर्करों का कहना था कि फेक्टरी के वेतन आस में हजारों रूपयों का कर्जा हो गया है अब प्रबंधन कह रहा है कि वेतन नहीं देगा। वर्करों के विरोध प्रदर्शन के बाद फेक्टरी प्रबंधन ने उन्हें चेतावनी दी है कि कल से किसी को भी फेक्टरी अंदर आने नहीं मिलेगा।

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नहीं करना चाहते हैं काम, वेतन दे दो
फेक्टरी के वर्कर रामजी यादव,राकेश कुमार, अरविंद तिवारी,दीपचंद पटेल आदि ने बताया कि ऐसी फेक्टरी में काम ही नहीं करना जहां वेतन नहीं दिया जाता है। फेक्टरी गेट के बाहर विरोध कर रहे वर्करों का दो टूक कहना था कि हमे काम नहीं करना है सिर्फ उनका वेतन मिल जाए। दो साल का वेतन नहीं मिला वह एक मुश्त फेक्टरी प्रबंधन कर दें वह कल से काम में आना बंद कर देंगे।

जान जोखिम में डाल चुकें है फेक्टरी के लिए
वर्कर रत्नेश कुमार, ओमप्रकाश लोधी, इंद्र कुमार झारिया, सोनू बर्मन,नारायण परस्ते आदि ने बताया कि पीएसएल फेक्टरी की तरक्की के लिए जी जान से मेहनत की। बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने जान हथेली पर रखकर काम किया कई दुर्घटनाएं से बचे है। हादसों मे हाथ की ऊंगली सहित पैर गवां चुकें वर्करों का कहना था कि फेक्टरी प्रबंधन के लिए काम कोई महत्व नहीं है। इसलिए दो सालों से वेतन नहीं मिल रहा है।

फेक्टरी में नहीं आता कोई जिम्मेदार
आक्रोशित फेक्टरी के कर्मचारियों ने बताया कि फेक्टरी बंद होने की कगार पर है। नतीजा ऐसा है कि फेक्टरी में कोई भी बड़ा जिम्मेदार अधिकारी नहीं आता है। फैक्टरी में सिर्फ सुरक्षा कर्मी मौजूद रहते हैं अब वर्करों का कहना है कि वह अपने वेतन के लिए किससे बात करें।

कर्ज में लद गए, आत्महत्या के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं
वर्करों का कहना था कि फेक्टरी के वेतन के चक्कर में कर्ज में लद गए हैं। किराना दुकान से लेकर जेब खर्च चलाने के लिए साहूकारों से ब्याज में पैसा लिया है। लेकिन अब वह साहूकार परेशान कर रहे हैं, फैक्टरी प्रबंधन जल्द ही कर्मचारियों का वेतन नहीं करेगा सभी आत्महत्या करने मजबूर होंगे।

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