
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में निमोनिया से हर दो घंटे में एक बच्चे की मौत हो रही है। हर साल निमोनिया से पांच साल तक के करीब 13,029 बच्चों की मौत हो जाती है। यानी औसतन हर महीने 1085 मरीजों की मौत हो रही है। ये आंकड़ा हैरान करने वाला है। 18 जुलाई से स्वास्थ्य विभाग निमोनिया, डायरिया, कुपोषण समेत बच्चों में होने वाली बीमारियों की पहचान कर उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए प्रदेश भर में दस्तक अभियान चलाएगा।