भूतपूर्व सैनिकों को PSC द्वारा की जा रही भर्तियो में आरक्षण से संवंधित शासन के स्पष्ट नियमो के बाबजूद भी नही दिया लाभ : हाइकोर्ट ने शासन सहित आयोग से किया जबाब तलब
जबलपुर :– मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा शासन के नियमो की निरंतर रूप से अनदेखी की जा रही है । भूतपूर्व सैनिकों के लिए पीएससी परीक्षा पास करने के बाद केवल क्लास थ्री के पदों पर ही नियुक्तियां की जाती है तथा मध्यप्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश के साथ साथ शासन ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण नियम 1985 अधिनियमित किया गया है तथा नियम 6 के अंतर्गत भूतपूर्व सैनिकों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के अरक्षित पदों पर नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता में शिथलीकरण के प्रावधान किए गए है तथा सामान्य प्रशासन विभाग ने दिनाँक 6/4/2013 को स्पष्ट निर्देश भी जारी किए गए है, फिर भी लोक सेवा आयोग ने उक्त वर्ग को किसी भी प्रकार का शिथलीकरण नही दिया गया है
अर्थात भूतपूर्व सैनिकों को अनारक्षित/सामान्य वर्ग जैसा ही मान्य किया गया है जिसके कारण मुख्य परीक्षा में 11 में से मात्र 8 भूत पूर्व सैनिकों को ही साक्षात्कार हेतु पात्र माना है जबकि शासन के नियम के अनुसार, साक्षात्कार हेतु कुल रिक्त पदों के विरूद्ध तीन गुना संख्या निर्धारित की गई है अर्थात मुख्य परीक्षा में शामिल 303 भुतपूर्व सैनिकों में से 281 को फेल(अनुत्तीर्ण) कर दिया गया है जो नियमानुसार अवैधानिक है । आयोग द्वारा की गई उक्त प्रक्रिया को तीन भूतपूर्व सैनिक अनिल पवार,फुलवन्त सिंह तथा खेमराज रघुवंशी ने आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आयोग द्वारा 2019 की चयन प्रक्रिया को चुनोती दी गई है ।
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई न्यायमूर्ति एस. ए. धर्माधिकारी द्वारा की गई तथा लोक सेवा आयोग द्वारा की गई अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए चार सप्ताह के अंदर मध्य प्रदेश शासन एवं लोक सेवा आयोग से जबाब तलब किया है । उक्त समस्त भर्ती प्रक्रिया पूर्व से ही दिनाँक 27/01/2021 को याचिका क्रमांक 807/21 के निर्णयाधीन किया जा चुका है। याचिका क्रमांक 3513/2022 के याचिका कर्ताओ की ओर से पैरवी आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने की ।