कटनीमध्य प्रदेश

भारी बारिश में बह गई पुलिया, बिजली के खम्भों का सहारा लेकर पुल पार करने की मजबूरी, रीठी के उजियारपुर और बखलेहटा के बीच काफी समय से जर्जर थी पुलिया

कटनी, यश भारत। रीठी जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत केना में आने वाले उजियारपुर और बखलेहटा गांवों को जोड़ने वाली पुलिया भारी बारिश के चलते बह गई। यह पुलिया बीते दो वर्षों से जर्जर हालत में थी, लेकिन पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक बार-बार शिकायतो के बावजूद आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। अब बारिश के साथ ही यह पुलिया पूरी तरह से बह चुकी है और गांव के सैकड़ों लोग, खासकर स्कूली छात्र-छात्राएं रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। कई बच्चे बिजली के खंभों का सहारा लेकर बहते पानी को पार करते हैं, जबकि कुछ बच्चों ने अब स्कूल जाना ही छोड़ दिया है।

 

5 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा छात्रों को

 

पहले जो दूरी आधा किलोमीटर थी, अब उसे पार करने के लिए छात्रों को 5 किलोमीटर का जोखिम भरा और लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। यह स्थिति केवल शारीरिक थकान नहीं, बल्कि शिक्षा से दूरी और जीवन को खतरे में डालने जैसा है। जनसुनवाई में शिकायत दर्ज होने के बावजूद, प्रशासनिक अमला अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों का सवाल है की क्या किसी गंभीर हादसे के बाद ही प्रशासन जागेगा। ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल स्थायी पुलिया का निर्माण कराया जाए। बच्चों के लिए वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था की जाए।

कटनी, यश भारत। रीठी जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत केना में आने वाले उजियारपुर और बखलेहटा गांवों को जोड़ने वाली पुलिया भारी बारिश के चलते बह गई। यह पुलिया बीते दो वर्षों से जर्जर हालत में थी, लेकिन पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक बार-बार शिकायतो के बावजूद आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। अब बारिश के साथ ही यह पुलिया पूरी तरह से बह चुकी है और गांव के सैकड़ों लोग, खासकर स्कूली छात्र-छात्राएं रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। कई बच्चे बिजली के खंभों का सहारा लेकर बहते पानी को पार करते हैं, जबकि कुछ बच्चों ने अब स्कूल जाना ही छोड़ दिया है।

5 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा छात्रों को

पहले जो दूरी आधा किलोमीटर थी, अब उसे पार करने के लिए छात्रों को 5 किलोमीटर का जोखिम भरा और लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। यह स्थिति केवल शारीरिक थकान नहीं, बल्कि शिक्षा से दूरी और जीवन को खतरे में डालने जैसा है। जनसुनवाई में शिकायत दर्ज होने के बावजूद, प्रशासनिक अमला अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों का सवाल है की क्या किसी गंभीर हादसे के बाद ही प्रशासन जागेगा। ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल स्थायी पुलिया का निर्माण कराया जाए। बच्चों के लिए वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था की जाए।

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