भाभी जी घर पर हैं, हप्पू की उलटन-पलटन जैसे सीरियल से गुदगुदाने वाले मनोज संतोषी नहीं रहे

भाभी जी घर पर हैं, हप्पू की उलटन-पलटन जैसे सीरियल से गुदगुदाने वाले मनोज संतोषी नहीं रहे
भाबीजी घर पर हैं, हप्पू की उलटन-पलटन, जीजा जी छत पर हैं,… जैसे शानदार टीवी सीरियल लिखकर लोगो को हंसाने वाले मनोज संतोषी रुलाकर चले गए। मनोज रविवार शाम हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। मात्र 49 वर्ष की उम्र में उनके निधन की सूचना से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। मंगलवार को पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बुलंदशहर में गंगा किनारे बसे कस्बा रामघाट में 1976 में जन्मे मनोज संतोषी बचपन से ही गायक बनना चाहते थे। जरगवां स्थित इंटर कॉलेज में इंटर की पढ़ाई पूरी कर वह सिंगर बनने मुंबई चले गए। सिंगर तो नहीं पर एक लेखक के संपर्क में आने से उनका मन लेखन में लग गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय टीवी सीरियल जगत को एक से बढ़कर एक सीरियल दिए।
अपने हंसमुख अंदाज से सभी को हंसाने वाले संतोषी एक दिन ऐसे ही चले जाएंगे, किसी भी भरोसा नहीं हो रहा है। मंगलवार सुबह आठ बजे अंतिम संस्कार रामघाट पर पर किया जाएगा। अंतिम संस्कार में भाभी जी घर पर हैं के किरदार अनूप उपाध्याय, रोहताश गौड़ की भूमिका निभाने वाले शामिल होंगे। वहीं आश्रम-3 के एक कलाकार भी आ रहे हैं।
अनूपशहर के मोहल्ला मदारगेट निवासी उनकी भतीजी कल्पना ने बताया कि वह अक्सर अनूपशहर आते रहते थे। उन्हें कल्पना के हाथ की चाय बहुत पसंद थी। शोकाकुल परिवार ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को हैदराबाद से उनके पैतृक गांव रामघाट लाया जा रहा है। जहां मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं मनोज के निधन की खबर से उनके जानने वाले खासे दुखी हैं।
वेब सीरीज और फिल्म रह गई अधूरी
मनोज संतोषी पंचायत सीरीज की तरह ही अलीगढ़ में एक अनोखी बारात को लेकर वेब सीरीज बनाने वाले थे। जिसके लिए आखिरी बार वह अगस्त 2024 में अलीगढ़ आए थे। वेब सीरीज के लिए एक गांव की लोकेशन भी फाइनल हो गई थी। यही नहीं वह हॉरर कॉमेडी फिल्म भी बनाने वाले थे। जिसकी स्क्रिप्ट वह पूरी कर चुके थे। इस फिल्म में निर्माता संजय कोहली इस फिल्म से अपने बेटे रिहान कोहली का डेब्यू कराने वाले थे।
अलीगढ़ की कचौड़ी के दीवाने थे संतोषी
भाभी जी घर पर हैं सीरियल में मनोज कुमार संतोषी ने शेखर सराफ मेमोरियल के निदेशक सुमित सराफ और माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संरक्षक संजय महेश्वरी को एक्टिंग का मौका दे चुके हैं। करीब एक दर्जन भाग में दोनों को अभिनय करने का मौका मिला है। संजय माहेश्वरी ने बताया कि अलीगढ़ से मनोज संतोषी का अलग ही लगाव था। उन्हें अलीगढ़ की कचौड़ी और जलेबी बहुत पसंद थीं। सुमित सराफ ने बताया कि मंगलवार दोपहर तीन बजे शेखर सराफ हॉस्पिटल में शोक सभा का आयोजन किया जाएगा।
माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संजय माहेश्वरी के अनुसार ताला और तालीम की नगरी से निकले एक शख्स ने पूरी जिंदगी लोगों को हंसाने का किया। उनका अंतिम समय बहुत ही भारी गुजरा। लोगों को हंसाने वाला अब चला गया है। भगवान अपने चरणों में जगह दे।
शेखर सराफ मेमोरियल के सुमित सराफ के अनुसार हर साल माता रानी का जगराता कराने मनोज संतोषी आते थे। उस दौरान उनके साथ समय बिताने का मौका मिलता था। एक्टिंग, फिल्मों के बारे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। एक अच्छा साथी आंखों में आंसू देकर चला गया।