फेसबुक सोशल मीडिया पर अंजान से दोस्ती भी पड़ सकती है आपको भारी…. पढ़ें पूरी खबर

मंडलाl जिलें के निवास एसडीओपी पी.एस.वालरे व निवास थाना प्रभारी वर्षा पटेल ने प्रेस वार्ता के माध्यम से पत्रकारों से संवाद करते हुऐ जानकारी दी की भोपाल पुलिस मुख्यालय द्वारा साइबर सुरक्षा के तहत अभियान चलाया जा रहा है, जो 1 फरवरी से 11 फरवरी तक जिले के सभी थाना चौंकी पुलिस टीम द्वारा चलाया जाएगा है। इसमें साइबर संबंधित सभी प्रकार के अपराध शामिल है। कि आखिर किस तरीके से लोग साइबर ठगी का शिकार बन रहे हैं। निवास एसडीओपी पी.एस.वालरे ने प्रेस वार्ता में संवाद करते हुऐ कहा कि इन दिनों ठगी का शिकार मात्र हम अपने फ़ोन के एक क्लिक से भी हो सकते है। साथ ही कम्प्यूटर युग में हम कभी पूर्ण विशेषज्ञ नहीं हो सकते हैं। प्रतिदिन नई नई चीजें सामने आती रहती हैं। साइबर अपराध के इस दौर में हमारी सतर्कता बहुत जरुरी है। मानव जीवन में गलतियां नैसर्गिक हैं, परन्तु कुछ लापरवाही हमलोगों से ऐसी हो जाती हैं, जिसके लिए हमें बाद में अफसोस होता है।
समय निकाल कर कुछ न कुछ अपने सामान्य जीवन की दैनिक गतिविधियों के साथ आसपास हो रही घटनाओं के सम्बन्ध में खुद को अपडेट रखना चाहिए। साइबर अपराध जिससे हमें सावधान रहना बेहद जरूरी है। साथ ही उन्होंने बताया की अभियान के तहत निवास थाना प्रभारी व हमारी पुरी पुलिस टीम भी आम जन मानस को गांव गांव जाकर तथा स्कूल व छात्रावासों में बच्चों के बीच पहुंच उनसे संवाद कर उन्हें सायबर सुरक्षा आभियान के तहत जागरूक कर रहे हैं।
इनसे रहें सावधान, केंसे भी हो सकती आपके साथ ठगी
फर्जी क्रेडिट मैसेज फ्राड, फेसबुक/सोशल मीडिया पर अंजान से दोस्ती, फर्जी लोन एप, टेलीग्राम चैनल/वर्क फ्रॉम होम फ्राड, गुगल पर पड़े फर्जी हेल्पलाइन नंबर, गूगल आदि सर्च इंजन की फर्जी वेबसाइट, न्यूड वीडियो कॉल फ्राड, फर्जी फोन कॉल फ्राड, आंनलाइन खरीददारी, आंनलाइन बिक्री, स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन से फ्राड, क्रेडिट कार्ड फ्राड, एसएमएस फारवर्डर/एपीके फाइल से फ्राड, कार्ड स्कीमिंड डिवाइस/कार्ड बदलना, चार्जिंग केबल/वाईफाई से डाटा चोरी, फर्जी फेसबुक/सोशल मीडिया एकाउंट बनाकर जीवन साथी/डेटिंग ऐप से फ्राड, शहरों/गावों में घूमकर धोखाधडी, फेक नोटिस/दस्तावेज से सावधानी, साइबर अपराध का नया ट्रेंड डिजिटल अरेस्ट, इन सभी तरीके से आज कल किसी भी तरह से ठगी की जा सकती है। जिनसे हमे सावधान रहने की जरूरत है।
क्या करें क्या न करें
किसी अनजान काल पर विश्वास कर आपकी व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी शेयर नहीं करना है। परिचित जैसी आवाज लगने पर भी अन्य स्रोतों से उसे वेरिफाई कर लें। व्हाट्सएप, फेसबुक या किसी अन्य ऐप/वेबसाइट पर किसी फर्जी लिंक पर क्लिक न करें। फ़ोन पर कोई पुलिस अधिकारी बन कर किसी कानूनी कार्यवाही का डर दिखाकर पैसों कि मांग करता है तो उसपर विश्वास न करें।
सोशल मीडिया पर किसी अनजान से दोस्ती न करें, अनावश्यक एप्लीकेशन डाउनलोड करने बचें। फ्री की अनावश्यक किसी वेबसाइट पर सर्चिग न करें, क्योंकि एप्लीकेशन डाउनलोड करने के उपरांत हम गैलरी, कॉन्टैक्ट, विडियो आदि का एक्सेस देते हैं। इससे हमारी प्राइवेसी का भंग होती है। अपने बैंक खाते में अपने रजिस्टर्ड नम्बर का एसएमएस अलर्ट एक्टिव रखे। फ़ोन नम्बर यदि बदल दिया है या खो गया है और उसी नम्बर का दूसरा सिम नहीं जारी करवाए हैं तो बैंक में नया नम्बर अपडेट कराएं।