फिर हुआ विभाजन : भाजपा ने शहर में बनाया एक और मंडल, जिले में अब 23 की जगह 26 मंडल, नए मंडलों में भी होंगे चुनाव
दीनदयाल उपाध्याय, पिपरियाकला और देवगांव मंडल आए अस्तित्व में
कटनी। संगठन चुनाव के चलते अचानक भाजपा में कई मंडलों के क्षेत्रों का विभाजन कर 3 नए मंडल बना दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक पुराने कटनी नगर मंडल को पहले ही तीन टुकड़ों में बांटा जा चुका था, अब इसका चौथा भाग भी कर दिया गया है। जिले में अब 23 की जगह 26 मंडल होंगे। जिला संगठन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कामकाज के सरलीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर पार्टी ने छोटे मंडलों का कांसेप्ट अपनाते हुए हर 60 पोलिंग बूथ पर एक मंडल बना दिया है, किंतु पार्टी के द्वितीय श्रेणी के नेता इस विभाजन से नाखुश हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय नई लीडरशिप को खत्म करने जैसा साबित होगा।
नए बनाव के मुताबिक कटनी शहर और ग्रामीण अर्थात मुड़वारा में अब 5 मंडल हो जाएंगे। दीनदयाल उपाध्याय के नाम से गठित किए गए इस मंडल में खिरहनी फाटक के दोनों ओर के करीब 13 वार्डों को शामिल किया गया है। अब इसमें भी 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष का चुनाव होगा। नगर मंडल के नाम से पहले एक ही मंडल था, जिसमें सभी 45 वार्ड शामिल थे। दूसरा मंडल मुड़वारा ग्रामीण था। करीब 5 साल पहले नगर मंडल को 3 भागों में विभाजित करते हुए मुड़वारा, माधवनगर तथा न्यू कटनी मंडल बना दिए गए। जबकि ग्रामीण मंडल में मुड़वारा ग्रामीण के साथ निवार मंडल बनाया गया। कटनी शहर को जब 15- 15 वार्डों के तीन मंडलों में बांटा गया था तब भी कार्यकर्ता नाखुश थे, क्योंकि नगर अध्यक्ष का पद ही समाप्त कर दिया गया। अब मुड़वारा में कुल 6 मंडल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक एक नया मंडल विजयराघवगढ़ में पिपरियाकला मंडल के नाम से तथा एक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में देवगांव के नाम से बनाया गया है। इनमें भी मंडल अध्यक्ष के चुनाव होंगे।
कोई रायशुमारी नहीं की गई
सूत्र बताते हैं कि मंडलों के गठन से पहले नेताओं से चर्चा की जाना थी, लेकिन ऊपर बैठे लोगों ने मंडलों के विभाजन के पूर्व कोई राय किसी से नहीं ली। वैसे पार्टी का सोचना है कि ज्यादा पद सृजित होंगे तो ज्यादा लोगों को एडजस्ट किया जा सकेगा साथ ही बड़े नेताओं को क्षेत्रीय स्तर पर ही सीमित किया जा सकेगा।