प्रकृति की अनमोल छटा : नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने लगता है मजमा

मंडला | विगत दिनों से मानसून मेहरबान है। जिले सहित वन आंचलों में बारिश का दौर जारी है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रूक-रूककर हल्की मध्यम बारिश हो रही है वहीं वनों से आच्छादित क्षेत्रों में सावन की झड़ी लग गई है। जिले सहित डिंडौरी में हो रही बारिश के चलते नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं जिले में बीते 04 जुलाई को 21.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। हो रही बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम खुलने के बाद गर्मी का एहसास हो रहा है, लेकिन बारिश होते ही गर्मी से निजात मिल रही है। दो-तीन दिन की बारिश के बाद उमस भरी गर्मी से निजात मिल जाएगा। वहीं नर्मदा के प्रचंड वेग का विहंगम दृश्य निहारने लोग इंतजार कर रहे है।
जानकारी अनुसार मंडला जिले में बारिश का दौर बीते एक सप्ताह से जारी है। शुरू हुई से मौसम में ठंडक घुलने लगी है। वहीं दिन में भी रूक-रूक कर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश हो रही है। वहीं रात में भी बारिश का दौर जारी है। मंडला और डिंडोरी जिले में हो रही बारिश के कारण मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। फिलहाल बारिश की शुरूआत है, ऊपरी क्षेत्रों और जंगली इलाकों में लगातार बारिश के बाद नर्मदा नदी के जल स्तर में आगे बढ़ोत्तरी होगी। वहीं बाढ़ की स्थिति से निपटने प्रशासन ने संबंधित विभाग को निर्देशित भी कर दिया है। बताया गया कि भारी बारिश से सामान्य जनजीवन प्रतिवर्ष प्रभावित होता है। जिससे निपटने के लिए प्रशासन ने अलर्ट रहने निर्देश दिए है। मंडला सिवनी मार्ग के बीच नैनपुर में थांवर नदी में पुल का निर्माण कार्य विगत कई वर्षो से चल रहा है, जो आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सका है। हर साल भारी बारिश के कारण मंडला सिवनी मार्ग बंद हो जाता है।
जिससे यहां से गुजरने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिले की सभी तहसीलों में बारिश का दौर शुरू हो गया है। भारी बारिश की संभावना के चलते जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण अमले को एलर्ट जारी किया है। तहसील स्तर पर नियुक्त बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में हालतों पर नजर रखने के निर्देश दिये गये है। सूचना तंत्र को मजबूत करने कहां गया है। जिले के आसपास के जिले व डिंडौरी में हो रही बारिश से नर्मदा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होती है। इसके लिये सीडब्लूसी को तत्काल सूचना दी जाती है। जिला स्तर पर बनाया गया बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं नगरपालिका स्थति कंट्रोल रूम आपस में जानकारियों को सांझा करते है, जिससे बाढ़ आने के पूर्व ही इसकी सूचना मुख्यालय तक पहुंच जाये। बताया गया कि फिलहाल बारिश का दौर अभी शुरू ही हुआ है। वहीं नर्मदा के पाट चौड़े हो जाने के कारण बाढ़ का खतरा कम ही है।