
लद्दाख क्षेत्र में ग्लेशियर पिघलने से यहां केदारनाथ जैसी तबाही होने का खतरा मंडरा रहा है। ग्लेशियर पिघलने से झीलें फटने का खतरा बढ़ गया है। अगर ऐसा हुआ तो पानी सैलाब की शक्ल ले लेगा। देश के बड़े पर्यटन आकर्षणों में से एक लद्दाख के पैंगोंग क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। चीन के साथ 22 महीने से गतिरोध के चलते चर्चा में रहे इस क्षेत्र में ग्लेशियर बेहद तेजी से पिघल रहे हैं।
यह खुलासा अपनी तरह के पहले वैज्ञानिक अध्ययन से हुआ है, जिसमें पैंगोंग क्षेत्र के 87 ग्लेशियरों में 1990 के बाद से आई कमी का सैटेलाइट डेटा से अध्ययन किया गया। ट्रांस-हिमालय लद्दाख के पैंगोंग क्षेत्र में भारतीय सीमा में आने वाले इन ग्लेशियरों का अध्ययन कश्मीर विश्वविद्यालय के जियोइनफार्मेटिक्स विभाग ने किया।