नए क्राइटेरिए ने उड़ाई कांग्रेस नेताओं की नींद, 45 साल से कम उम्र के होंगे नए कांग्रेस जिलाध्यक्ष, 11 जून को पर्यवेक्षक कटनी आकर लेंगे मीटिंग, रायशुमारी के बाद तैयार पैनल जाएगा दिल्ली

कटनी, यशभारत। जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कांग्रेस के नए क्राइटेरिया ने नेताओं की नींद उड़ा दी है। जो नेता खुदको जिला कांग्रेस शहर और ग्रामीण अध्यक्ष पदों का प्रमुख दावेदार मानकर चल रहे थे, राहुल गांधी के नए फार्मूले ने उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसका दी है। नए नियमों के मुताबिक मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष 35 से 45 साल की उम्र के होंगे। इसके अलावा 5 साल पहले जो नेता पार्टी में शामिल नेताओं को अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिल पाएगा। कुछ और भी नियम हैं, जिनको लेकर उम्रदराज नेताओं में मायूसी है तो युवा चेहरों में नई ऊर्जा का संचार हो चुका है। कटनी की यूथ ब्रिगेड ने अपनी सक्रियता एक बार फिर बढ़ा दी हुई। दो दिन बाद 11 जून को पार्टी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक कटनी पहुंच रहे हैं और वरुण भवन में कांग्रेस के लोगों से मुलाकात कर चर्चा करेंगे। इस दिन अलग अलग समूहों में कई बैठकें होंगी, जिनमें रायशुमारी के आधार पर तैयार पूरी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि संगठन सृजन अभियान के तहत पार्टी अब भारतीय जनता पार्टी की तरह अपने संगठन को भी युवाओं के हवाले कर रही है। पिछले दिनों भोपाल दौरे पर आए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी साफ कर चुके हैं कि अब पुराना ढर्रा नहीं चलेगा। अब नए ऑब्जेक्ट पर विचार करते हुए नए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जो जिलाध्यक्ष बनेंगे, वो पावरफुल होंगे उनकी ही राय से नगरीय निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट तय होंगे। राहुल ने यह भी साफ कर दिया है कि कोई इस गलतफहमी में न रहे कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष को इग्नोर करके सीधे ऊपर के नेताओं के भरोसे राजनीति कर लेगा। कांग्रेस के इस नए बनाव ने पार्टी के भीतर नई ऊर्जा का संचार किया है। राहुल गांधी ये भी संकेत दे चुके हैं कि जो वरिष्ठ नेता शोभा की सुपारी बने हुए हैं उनके अब घर बैठने का समय आ चुका है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में जो 165 ऑब्जर्वर बनाए गए हैं वे राहुल गांधी की सोच के मुताबिक नई कांग्रेस गढ़ने की योजना पर काम शुरू कर चुके हैं और इसी कड़ी में आगामी 11 जून को कटनी में मंथन होगा। केंद्रीय पर्यवेक्षक राघवेंद्र कुमार सिंह के साथ एनपी प्रजापति, अजय मिश्रा और वीरेंद्र द्विवेदी कटनी में एक ही दिन में मैराथन बैठकें लेकर दावेदारों की सक्रियता की नब्ज टटोलेंगे। जिला संगठन में सक्रिय लोगों के साथ युवा, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की अलग बैठक होगी तथा पार्टी के जनप्रतिनिधियों की अलग बैठक होगी। गौरतलब है कि दिल्ली और भोपाल से नियुक्त ऑब्जर्वर्स की तीन सदस्यीय टीम हर जिले में जाकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाश रही है। यह पूरी रिपोर्ट सीधे राहुल गांधी के पास जाएगी।
भितरघाती नहीं कर पाएंगे दावेदारी
सूत्र बताते हैं कि जिनके खिलाफ भितरघात और चुनाव में गड़बड़ी की शिकायतें हैं, ऐसे लोगों के नाम जिलाध्यक्ष के पैनल में नहीं जोड़े जाएंगे। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कल वर्चुअल बैठक में साफ निर्देश दिए हैं कि जिला अध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार करना है। यह भी गाइड लाइन दी गई है कि एआईसीसी के ऑब्जर्वर हों या पीसीसी के पर्यवेक्षक, कोई भी किसी जिले में किसी नेता के होटल और घर पर न रुकें। न ही किसी स्थानीय नेता के साथ दौरे करें। उनके पूरे प्रवास की व्यवस्था एआईसीसी के निर्देश पर कराई जा रही है। साफ निर्देश है कि सभी ऑब्जर्वर ईमानदारी से काम करें।
यहां शिथिल हो सकता है नियम
पार्टी ने अध्यक्ष के लिए 45 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित कर दी है, इसके बावजूद यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर नेता दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थितियों में 6 लोगों के पैनल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी की मंशा है कि कोई मजबूत कार्यकर्ता आयु सीमा के चक्कर में छूट न जाए। लेकिन राहुल गांधी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो, सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। ये सारी खूबियों वाले कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी।
पैनल में ये होंगे शामिल
जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला के नाम हर हाल में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे। जिलाध्यक्ष के पैनल में इस डेटा के आधार पर भी लोग पैनल में शामिल किए जाएंगे। जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी करने वाला व्यक्ति कम से कम 5 साल से पार्टी में काम करने वाला होना चाहिए।
जिले की सीक्रेट रिपोर्ट बनेगी
ऑब्जर्वर अपने आवंटित जिले की पूरी गोपनीय रिपोर्ट बनाएंगे। इसमें कांग्रेस की चुनावों में जीत और हार के कारण, संगठन की मजबूती और कमजोरी के फैक्टर के साथ जिला अध्यक्ष के लिए नामों का पैनल बनाएंगे। पूरी रिपोर्ट सीधे मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल को भेजी जाएगी।
कटनी में नए समीकरण
पार्टी के इन नियमों से कटनी की कांग्रेस में नए समीकरण उभरने लगे हैं। 45 के अंदर की आयु के नेताओं को उम्मीद जागी है कि उन्हें संगठन के नेतृत्व का मौका मिल सकता है। कटनी में फिलहाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष का पद रिक्त है, जबकि ग्रामीण अध्यक्ष के तौर पर करण सिंह चौहान पार्टी का कामकाज देख रहे हैं। यहां पार्टी के पास सीनियर और सक्रिय नेताओं की पूरी फौज है, लेकिन नए क्राइटेरिया में अब युवा ब्रिगेड को आशा दिख रही है। जिलाध्यक्ष के लिए युवा उम्र के नामों में बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमित शुक्ला, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंशु मिश्रा, पूर्व जनपद सदस्य गुलाम जाफर, कांग्रेस नेता विवेक पांडे गोल्डन, पार्षद मौसूफ अहमद बिट्टू, पूर्व पार्षद मनोज गुप्ता, पूर्व पार्षद राहुल पटेरिया, कपिल रजक के नाम लिए जा रहे हैं। विशेष परिस्थिति में वरिष्ठ और सक्रिय नेताओं के नाम भी पैनल का हिस्सा बन सकेंगें।