दर्जन भर ग्रामीण पहुंचे जीएम ऑफिस, रखी नौकरी और मुआवजे की मांग

शहडोल। जिले के सोहागपुर एसईसीएल ने आज कई वर्षों से ग्रामीण किसानों की भूमि पर अपना कब्जा जमाया हुआ है। जिसके चलते वहां के किसान जरूरत पड़ने पर न तो उस भूमि का क्रय विक्रय कर सकते हैं और न ही एसईसीएल ने ही अब तक उन ग्रामीणों को नौकरी या मुआवजा राशि प्रदान कर रही है। इस समस्या से जूझ रहे दर्जनों भर ग्रामीण किसान मंगलवार को एसईसीएल के जीएम ऑफिस धनपुरी पहुंचे।
जहां उन्होंने सोहागपुर क्षेत्र के जीएम श्रीकृष्णन से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से रूबरू कराया। किसानों ने अपनी कुछ मांगों को भी रखा है। जिसमें उन्होंने मौखिक रूप से यह कहा कि, कुछ किसानों के पास यदि 2 एकड़ से कम की भूमि है। तो उन्हें भी नौकरी मुहैया कराई जाए, जिससे उस परिवार को भी एक रोजगार मिल सके। वहीं ग्राम पंचायत अतरिया के सरपंच एवं समस्त ग्रामवासियों ने एकजुट होकर कलेक्टर, कमिश्नर को भी संबंधित विषय का ज्ञापन सौंपा है।
क्या है किसानों की मांग
किसानों ने बताया है कि, ग्राम रामपुर बटुरा खुली खदान में ग्राम अतरिया का अंश भाग अर्जित कर लिया गया है। आधी अधूरी भूमि का अधिग्रहण करना न्याय उचित नहीं है। जबकि, एसईसीएल के अधिग्रहित नक्शे में संपूर्ण अतरिया की भूमि सम्मिलित है। ग्राम राजस्व अतरिया की संपूर्ण आरजी एक साथ एसईसीएल अधिग्रहित करे। अतरिया की अर्जित अंश भाग भूमि पर धारा 9 (1) की अंतिम प्रकाशन तिथि 13.07. 2015 है। अतः उक्त तिथि से संपूर्ण ग्राम के भूखंड को धारा 9(1 )स्वीकृत किया जाए।
अंश भाग अधिग्रहण से समस्त ग्रामीणों को होने वाले प्रदूषण, धूल, ब्लास्टिंग एवं जल संकट से जूझेंगे और जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा। अंश भाग में अर्जित भूमि से किसानों, ग्रामीणों का रोजगार प्रभावित होगा। क्योंकि, जिनका छोटा-छोटा रकबा अधिग्रहण किया है, वे सहमति में भूमि नहीं जुटा पाएंगे। एसईसीएल प्रबंधन एवं ग्राम की अर्जित भूमि के किसानों से सांठगांठ करते हुए डीआरसीसी गुप्त तरीके से न हो। डीआरसीसी की बैठक ग्राम पंचायत में हो, अन्यथा ऐसी स्थिति में ग्रामीण उसकी अवहेलना करेंगे। संपूर्ण अतरिया की भूमि को अधिग्रहण करते हुए एसईसीएल सभी प्रभावित किसानों का मुआवजा, रोजगार पुनर्वास की उचित व्यवस्था एक साथ करे।