जबलपुर,। हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव संबंधी याचिकाओं को अप्रासंगिक व सारहीन पाते हुए निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने पंचायत चुनाव विषयक अधिसूचना वापस लिए जाने के आधार पर यह कदम उठाया।
मंगलवार को मामला सुनवाई के लिए लगा था। सभी याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नार्ड व चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने पक्ष रखा। उन्होंने अवगत कराया कि जिस मकसद से याचिकाएं दायर की गई थीं, बदले हुए सूरतेहाल में वह बेमानी हो गया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जहां से हाई कोर्ट वापस भेज दिया गया। इस बीच पंचायत चुनाव निरस्त हो गए। ऐसे में याचिकाओं को आगे विचाराधीन रखे जाने का कोई औचित्य शेष नहीं रह गया है। हाई कोर्ट ने इस तर्क से सहमत होकर याचिकाएं निरस्त करने आदेश पारित कर दिया। दमोह निवासी डा.जया ठाकुर सहित अन्य की ओर से याचिकाएं दायर कर पंचायत चुनाव को आरक्षण रोस्टर पर परिसीमन के आधार पर चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान इंटरवीनर की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, उदय कुमार व रामभजन लोधी ने पक्ष रखा।
नगरीय निकाय संबंधी याचिकाएं विचाराधीन : हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव संबंधी याचिकाओं को निरस्त कर दिया किंतु नगरीय निकाय चुनाव के सिलसिले में विभिन्न आपत्तियों के आधार पर दायर याचिकाओं को विचाराधीन रखे जाने की व्यवस्था दी है। साथ राज्य शासन को दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दे दिए।