जबलपुर में एंबुलेंस चालकों ने तो हद कर दीः परिवहन विभाग ने 10 किलोमीटर तक के 500 रूपए तय किए वसूल रहे 4 हजार
कोरोना के समय परिवहन विभाग ने एएलएस और बीएलएस एंबुलेंस का किराया तय किया उसका पालन आज तक नहीं हुआ
जबलपुर, यशभारत। एंबुलेंस चालकों की गुंडागर्दी के कारण एक वृद्धा की मौत हो गई। मेडिकल परिसर में खड़ी होने वाली एंबुलेंस को न बुलाकर बाहर से एंबुलेंस बुलाने पर चालकों द्वारा गुंडागर्दी की गई और उनका साथ सुरक्षा एजेंसी के गार्डों ने दिया। जानकर हैरानी होगी कि मप्र परिवहन विभाग ने कोरोना के समय एएलएस और बीएलएस एंबुलेंस का किराया तय किया था। शहर में एएलएस एंबुलेंस का 10 किलोमीटर तक का किराया 500 रूपए निर्धारित था जबकि बीएलएस एंबुलेंस का 250 रूपए किराया तय किया गया था। बाबजूद एंबुलेंस चालक मरीजों से 4 हजार रूपए वसूल रहे हैं। हालांकि नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल में हुई घटना को कलेक्टर डाॅक्टर इलैयाराजा टी सहित मेडिकल अधीक्षक अरविंद शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए सख्ती बरतना शुरू कर दिया है।
मप्र परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने 5 मई 2021 को एक आदेश जारी किया था जिसमें एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) और बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम (बीएलएस) एंबुलेंस का किराया तय किया था। एएलएस एंबुलेंस अगर शहर में 10किलोमीटर तक जाती है तो 500 किराया तय किया गया जबकि बीएलएस एंबुलेंस के 250 रूपए तय किए गए थे। कुछ इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में 20 किलोमीटर तक जाने पर 800 रूपए एएलएस एंबुलेंस के और बीएलएस एंबुलेंस के 500 रूपए तय किए गए थे।
मेडिकल परिसर में नजर नहीं आएगी एंबुलेंस
कलेक्टर डाॅक्टर इलैयाराजा टी ने घटना के बाद सख्त रवैया अपनाते हुए तय किया है कि शासकीय अस्पतालों में निजी एंबुलेंस खड़ी नहीं होगी। साथ ही परिवहन विभाग ने जो किराया तय किया उसके हिसाब से एंबुलेंस चालकों को किराया लेना होगा। कलेक्टर ने मेडिकल अधीक्षक, सीएमएचओ और आरटीओ को निर्देशित किया है कि वह एंबुलेंस चालकों को निर्देशित करें वह अपनी-अपनी गाड़ियों पर किराया की सूची चस्पा करें।
लापरवाह कर्मियों पर क्या कार्रवाई की पत्र का नहीं दिया जवाब
मेडिकल में हुई घटना के मुख्य आरोपी सुरक्षा एंजेंसी के गार्ड भी है। इसकी जानकारी जब अधीक्षक मेडिकल डाॅक्टर अरविंद शर्मा को लगी तो उन्होंने सुरक्षा एजेंसी को पत्र लिखकर तत्काल जवाब देने को कहा था लेकिन देर शाम तक सुरक्षा एजेंसी की तरफ से जवाब नहीं आया है। इस संबंध में डाॅक्टर अरविंद शर्मा ने बताया कि इस मामले में सुरक्षा में चूक हुई इसलिए सुरक्षा एजेंसी की जवाबदारी बनती है कि जवाब दें इतनी सुरक्षा होने के बाबजूद कैसे एंबुलेंस चालक वार्ड तक पहंुच गए।
दो वार्ड वाॅय को हटाया गया
महिला की मौत मामले में सुरक्षा ठेका कंपनी ने सिर्फ दो वार्ड बाॅय मोनू बाल्मीक और रवि खरे को हटाया है। बताया जा रहा है कि दोनों वार्ड बाॅय की प्रकरण में संलिप्ता है और इनके द्वारा ही एंबुलेंस चालकों को सरंक्षण दिया जा रहा था।