जबलपुर भी हाट-स्पॉट की ओर:11 संक्रमितों में 5 साल का मासूम और 16 साल का किशोर भी शामिल, सभी की ट्रेवल हिस्ट्री मिली
जबलपुर, यशभारत। मास्क और भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना अब भारी पड़ने लगा है। इंदौर-भोपाल के बाद जबलपुर भी कोरोना का हाट स्पॉट बनता जा रहा है। तस्वीर इस कारण डरावनी है कि अब बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। 30 दिसंबर को 11 नए संक्रमितों में पांच वर्षीय मासूम और 16 वर्षीय किशोर शामिल हैं। इससे पहले 12 व 14 वर्ष के किशोर संक्रमित हो चुके हैं। सभी संक्रमितों की ट्रेवल हिस्ट्री सामने आई है। आठ के सेम्पल निजी अस्पताल में लिए गए थे। वहीं तीन के सेम्पल सरकारी अस्पताल में लिए गए थे।
जबलपुर में 11 नए संक्रमितों में अधिकतर की उम्र 40 के अंदर की है। इसमें चार महिलाएं शामिल हैं। संक्रमितों में एक ही परिवार के दो से तीन लोग संक्रमित हैं। इसमें कुछ सूरत तो अन्य मुम्बई, दिल्ली जैसे शहरों से लौटे हैं। उनके संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है। 11 में 8 लोग निजी अस्पताल में इलाजरत हैं। हालांकि सभी में कोविड के लक्षण माइल्ड मिले हैं। इससे पहले 15 जून को 13 संक्रमित जिले में मिले थे।
जबलपुर में 22 एक्टिव केस
जिले में दिसंबर में 40 केस सामने आए। 22 एक्टिव केस हैं। 21 लोग दिसंबर में कोविड से स्वस्थ हुए। 40 संक्रमितों में 31 की ट्रेवल हिस्ट्री निकली थी। वहीं नौ उनके संपर्क में आने के बाद संक्रमित हुए थे। कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब निजी अस्पतालों के कोविड वार्ड को भी एक्टिव किया जा रहा है। फरवरी 2020 में इसी तरह से कोविड के मामले बढ़ने शुरू हुए थे। जिस तेजी से कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। उससे 15 जनवरी के बाद तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
67 में 30 की रिपोर्ट में ओमिक्रान की पुष्टि नहीं
राहत की बात ये है कि अभी जिले में ओमिक्रान की एक भी पुष्ट नहीं हुई है। हेल्थ विभाग ने दिसंबर में 67 सेम्पल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे थे। इसमें से 30 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। किसी में ओमिक्रान की पुष्टि नहीं हुई है। 37 की रिपोर्ट आनी शेष है। जिले में रिकवरी रेट 98.66 प्रतिशत है। अब तक 50 हजार 851 संक्रमित जिले में सामने आ चुके हैं। वहीं 675 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोविड प्रोटोकाल का पालन न करने से बढ़ी परेशानी
सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुरारिया के मुताबिक कोविड प्रोटोकाल का पालन न करने से परेशानी बढ़ी है। मास्क, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना लोग भूल गए हैं। हाथो को सैनिटाइज करने की आदत भी छूट गई है। ये समय काफी नाजुक है। जितना संभव हो बाहर के शहरों का ट्रेवल न करें। बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को खास ख्याल रखें। बाहर से आकर सीधे उनके संपर्क में न आए।