गड्ढों में तब्दील हुई स्मार्ट सिटी : चमचमाती सड़क का सपना देख रहे शहरवासियों की आस अधूरी, कछुआ चाल और गुणवत्ता बेमिसाल

जबलपुर, यशभारत। मेट्रो सिटी का सपना देख रहे संस्कारधानी वासियों की आस कागजी कार्रवाई में उलझ कर रह गयी है। करोड़ों के स्मार्ट सिटी प्रोजेेक्ट की कछुआ चाल और गुणवत्ता बेमिसाल के दावे और वायदे अभी तक अधूरे ही साबित हो रहे है। गड्ढों से सजे शहर में स्थिति यह है कि फिलहाल चलना भी दुश्वार ही साबित हो रहा है।
शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद तो वर्षों से जारी है। लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आने के बाद शहरवासियों को धूल भरी, गड्ढेनुमा और खुली सीवर लाइनों की सौगात मिली है। प्रोजेक्ट प्रबंधक जहां मामले में पल्ला झाड़ते हुए इसे विकास की अनवरत प्रक्रिया ठहरा रहे है तो वहीं हालत यह हैं कि विकास के कोरे आश्वासनों के बिसबुझे तीखों बाणों से शहद सरीकी विकास की परिकल्पना धूल-धूसरहित हो रही है। बच्चों, महिलाओं सहित वृद्धों को जहां सड़कें आंख दिखा रहीं है तो वहीं टूव्हीलर और फोर व्हीलर वाहन चालकों को भी इन सड़कों पर चलना टेड़ी खीर साबित हो रहा है। जिसके चलते लगातार सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।