गजब रणनीति : मंडल अध्यक्ष देकर जिलाध्यक्ष के नाम पर मुहर लगवा ली विधायकों से, पावर सेंटर न बदले, इसको देखकर की गई मंडलों में जमावट
सच साबित हुई यशभारत की खबर : बड़ी सर्जरी के साथ 20 में से 17 मंडल अध्यक्ष बदले, 6 में पेंच फंसने से रुकी घोषणा
कटनी। भारतीय जनता पार्टी ने कल शाम 20 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर दी। यशभारत ने अपनी खबरों में जैसी संभावना जाहिर की थी, ठीक वैसा ही हुआ। पहली सूची में जिन 20 मंडलों के लिए घोषणा की गई, उनमें 17 मंडल अध्यक्ष बदल दिए गए। केवल 3 मंडलों में ही अध्यक्ष रिपीट किए गए है, बाकी में नए चेहरों को मौका दिया गया है। महिला आरक्षण को देखते हुए पार्टी ने निर्णय लिया था कि जिले के किन्ही 2 मंडलों में महिलाओं को कमान सौंपी जाएगी, लेकिन पहली सूची में किसी महिला को तवज्जो नहीं मिली। 6 मंडलों में पेंच फंसने के कारण यहां की घोषणा रोक दी गई है, हो सकता है इनमें से दो मंडल महिलाओं के नाम कर दिए जाएं। 95 फीसद चेहरे बदलकर पार्टी ने बदलाव का स्पष्ट संदेश कटनी जिले की भाजपाई सियासत में जरूर देने की कोशिश की है, किंतु बदलाव की यह बयार जिलाध्यक्ष के पद तक जाएगी या नहीं, इसका इंतजार सबको है।
इस फार्मूले पर हुआ काम
सूत्र बताते हैं कि मंडलों में अध्यक्ष तय करने करने में जिस रणनीति को अपनाया गया, उसके नेपथ्य में कहीं न कहीं जिलाध्यक्ष के पद की जमावट शामिल हैं। यशभारत ने सांसद वीडी शर्मा और उनकी टीम की इस योजना का खुलासा भी गतांक में किया था। सूत्र बताते हैं कि इस रणनीति पर चलते हुए विधायकों को उनकी पसंद के मंडल अध्यक्ष दे दिये गए और बदले में जिलाध्यक्ष के पद के लिए उनकी सहमति ले ली गई। यानी विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों की चलने दी गई, और जिलाध्यक्ष के लिए वीडी शर्मा ने दीपक सोनी टंडन की वापसी का रास्ता तैयार कर दिया। संगठन चुनाव के चलते खबर आ रही थी कि जिले के 4 में से 3 विधायक दीपक सोनी टंडन की दोबारा ताजपोशी नहीं चाहते। विधायकों ने किसी नए नाम को आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली थी। इस बात की भनक लगते ही टीम वीडी सक्रिय हुई और मंडल अध्यक्षों पर विधायकों से समझौता कर जिलाध्यक्ष के लिए सहमति बना ली गई। कल जारी हुई 20 मंडलों की सूची पर नजर डालें तो इस रणनीति को आसानी से समझा जा सकता है। ज्यादातर मंडलों में जिले के विधायक अपने समर्थकों को काबिज कराने में सफल हो गए। चेहरे बदले जाने के पीछे विधायकों की भी यही सोच काम कर रही थी कि इस बार अपने नए समर्थकों को महत्व दिया जाए, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में उनके लिए ईमानदारी से काम किया। नए लोगों के साथ एडजस्ट करने में नए जिलाध्यक्ष को भी आसानी होगी, भले ही वह दीपक टंडन ही हों। पुराने मंडल अध्यक्ष आए दिन जिलाध्यक्ष की आंखों की किरकिरी बन रहे थे। जिलाध्यक्ष का चुनाव 30 दिसंबर के पहले होना है। करीब करीब सारी जमावट टीम वीडी कर चुकी है, फिर भी यदि टंडन के रिपीट होने में कोई अड़चन आई तो इसी खेमे का दूसरा नाम तैयार कर लिया गया है, जो पीतांबर टोपनानी भी हो सकता है। हालांकि वर्तमान महामंत्री सुनील उपाध्याय और वरिष्ठ नेता अश्वनी गौतम ने भी भोपाल तक तगड़ी घेराबंदी की, लेकिन वे कटनी और भोपाल के जिन नेताओं के भरोसे जिलाध्यक्षी हासिल करने का ख्वाब संजोए बैठे हैं, वे डबल पॉलिटिक्स करते हुए अंदर से वीडी शर्मा के ही सुर में सुर मिलाएंगे।
घोषणा के बाद से ही असंतोष
मंडल अध्यक्षों के मामले में कल जैसा ऑपरेशन देखने को मिला, उसने पार्टी में भीतर ही भीतर असंतोष को हवा दी है। जिन मंडलों अध्यक्षों ने पिछले कार्यकाल में पसीना बहाया, उन्हें भी घर बिठा दिया गया। सूची में कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जो नए नए सक्रिय हुए थे, उनकी लाटरी खुल गई। इस निर्णय को लेकर आने वाले दिनों में नाराजगी सतह पर आएगी। फिलहाल अनुशासन की वजह से कोई खुलकर बोलने की स्थिति में नहीं है। माधवनगर के कार्यकर्ताओं की मांग को भी कोई अहमियत नहीं दी गई। अपनी पसंद के चेहरे लाकर नेताओं ने कार्यकर्ताओं को सीधा संदेश दे दिया है कि वे पार्टी से कहीं अधिक उनके लिए निष्ठा दिखाएं, तब जाकर काम बनेगा। 20 में से जो 3 मंडल अध्यक्ष अपना पद बचा पाए, उनमें देवरी हटाई मंडल के अध्यक्ष नितिन पांडे, बिलहरी मंडल के अध्यक्ष अमित पुरी तथा स्लिमनाबाद मंडल के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत शुक्ला शामिल हैं। रीठी में भरत पटेल को एक कार्यकाल के अंतर के बाद फिर से अध्यक्ष बनने का मौका मिल गया है। अभी पेंच फंसने की वजह से जिन 6 मंडलों की घोषणा रोकी गई है, उनमें बड़वारा था विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रों के 2 – 2 मंडल तथा मुड़वारा और बहोरीबंद के एक- एक मंडल शामिल हैं। इनमें सहमति के प्रयास जारी हैं।
मंडलों में इनकी हुई ताजपोशी
जिला पर्यवेक्षक लता एलकर की सहमति से जिला निर्वाचन अधिकारी हरिशंकर खटीक, सहायक निर्वाचन अधिकारी अल्का जैन व सुरेश सोनी की देखरेख में कल जारी हुई लिस्ट के मुताबिक विलायतकला में अजय सोनी, देवरीहटाई में नितिन पांडेय, पानउमरिया आशीष चौरसिया, सिलौड़ी मनीष नागरी, कांटी विवेक सिंह बघेल, विजयराघवगढ़ रामजी सोनी, कैमोर भवानी मिश्रा, बरही जगदीश गुप्ता, खितौली मनोज तिवारी, मुड़वारा अशोकदत्त गर्ग, दीनदयाल उपाध्याय रजत जैन, कटनी नगर कौशलेंद्र मिश्रा, माधवनगर सौरभ अग्रवाल, कटनी ग्रामीण श्रीराम पटेल, रीठी भरत पटेल, देवगांव अभिलाश राय, बिलहरी अमित पुरी, स्लीमनाबाद लक्ष्मीकांत शुक्ला, बहोरीबंद लोकेश ब्योहार, बाकल में पीयूष अग्रवाल को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है।
मंडलों से ये बने मंडल प्रतिनिधि
मंडलों से जिन लोगों को मंडल प्रतिनिधि बनने का मौका मिला है उनमें विलायतकला में भुवनेश्वर त्रिपाठी, देवरीहटाई में जगदीश उरमलिया, पानउमरिया विजय दुबे, सिलौड़ी सुरेश राय, कांटी नरेश राठौर, विजयराघवगढ़ हरिओम बर्मन , कैमोर गुरदीप सिंह बेदी , बरही पीड़ी ताम्रकार, खितौली भैया गोस्वामी , मुड़वारा सचिन बहरे , दीनदयाल उपाध्याय प्रदीप उपाध्याय , कटनी नगर रवि खरे , माधवनगर सतीश मोटवानी , कटनी ग्रामीण रम्मू साहू, रीठी प्रहलाद चक्रवर्ती, देवगांव अजय यादव, बिलहरी मनोज तिवारी, स्लीमनाबाद रमेश पटेल, बहोरीबंद रोहित गुप्ता, बाकल में अजय साहू शामिल हैं।