कबाड़ की बाटलो से बनाया सुंदर जुगाड : पिता के लगाए पेड़ पौधे बने प्रेरणा की मिशाल
नरसिंहपुर ,गोटेगांव/गाडरवारा कहते है आज के समय में सब काम की चीजें होती है बशर्त है आपको उन्हें काम में लेना आना चाहिए। ऐसी ही अनोखा कार्य नगर के समाजसेवी संगठन श्री साईं श्रद्धा सेवा समिति के संस्थापक आशीष राय ने करके दिखाया है। जिन्होंने घर के कबाड़ में पड़ी खराब बाटल और केनो से अनोखे और अदभुत पोर्ट बनाकर पर्यावरण के संरक्षण में एक नई मिशाल पेश की।
घर में पड़ी खाली वाटल और केनो को कटर के माध्यम से काटकर सुंदर और मनमोहक पोर्ट तैयार किए फिर उनमें बकायदा कलर किए गए। साथ ही जब इनमें पौधे को रोपित किए गए तो उनकी सुंदर देखते ही बन रही है।
कम लगत में बनकर हो जाते है तैयार= बाजार में आमतौर पर पौधों को लगाने वाले पोर्ट करीब पचास से लेकर पांच सौ रुपए तक के आते है। लेकिन आशीष ने कबाड़ से जुगाड का जो दिमाग लगाया उसमें सुंदर और मनमोहक पोर्ट में महज पांच से दस रुपए का खर्च आता है। जो कि मार्केट के साधे सिंपल से बहुत ही शानदार लगते है।
पिता के लगाए पेड़ पौधे बने प्रेरणा की मिशाल = कबाड़ से जुगाड की प्रेरणा पर आशीष बताते है कि मेरे पिता स्वर्गीय अशोक राय को पेड़ पौधे लगाने का बहुत शौक था। उन्होंने अपने जीवनकाल में सैकड़ों किस्म के तरह तरह के पेड़ पौधे लगाए। साथ ही उनका पेड़ पौधे के प्रति आत्मीय रिश्ते जैसा लगाव था।लेकिन विगत महीनों पूर्व उनके लोकगमन के बाद से मेने पेड़ पौधे को ही उनकी आत्मीय संपत्ति मानकर उसके संरक्षण का संकल्प किया।
कई महीनों से मैं तरह तरह के पौधे को विकसित करके लगा रहा हूँ। साथ ही जब नए पौधे को लगाने में पोर्ट की कम पड़ गई। तो मैंने घर के कबाड़ में पड़ी वाटल और केनो से ही जुगाड करके पोर्ट बनाने की सोची और फिर बोतलों को कटर से काटकर नए नए पोर्ट बनाए जिनकी सुंदर आज देखते ही बनती है। जिन पेड़ पौधे से कभी मैं दूरी बना लेता था, आज उन्ही पेड़ पौधे के साथ जब होता हूँ तो सोचता हूँ कि मैं अपने पिता के साथ हूँ।