चर्चा में एनपीएस में कर्मचारियों और सरकार के अंशदान के बदले नाम मात्र की पेशन मिलने,कम्पनी को लाभ होने,सामाजिक सुरक्षा से वंचित होने के तर्क रखकर ओपीएस बहाली की बात रखी। पदोन्नति और पदनाम देने से बताया कि मुखिया विहीन स्कूलो में संस्था प्रमुख मिलेंगे जिससे शिक्षा गुणवत्ता आएगी, स्कूलो में माँनिटरिंग में सुविधा होगी, वरिष्ठता को सम्मान मिलेगा ऐसे ही अनेको तर्काे से पीएस मुख्यमंत्री को समस्याओ के निराकरण की अनिवार्यता बताई। उन्होंने सभी समस्याओ को मुख्यमंत्री के सामने सारे तर्काे और अनिवार्यताओं के साथ रखने के लिए आश्वस्त कराया। शैक्षणिक संवर्ग को विश्रामावकाश में कार्य के बदले अर्जित अवकाश के लाभ से वंचित करने वाले 2008 के आदेश को निरस्त करने या इस वर्ग की सेवाए भी नॉनवोकेशनल घोषित करने की मांग को जोरदार ढंग से उठाने पर उन्होंने इसमें निरस्त या नॉनवोकेशनल घोषित करने पर सहमति व्यक्त की।
नवीन शिक्षक संवर्ग की क्रमोन्नति की स्वीकति की मांग की गई जिस पर पीएस ने इन्हें समयमान वेतन 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पर देने के शीघ्र स्वीकृति के लिए आश्वस्त कराया। अन्य मांग पत्र की समस्त समस्याओ पर भी विस्तार से चर्चा हुई है और सुखद परिणाम की उम्मीद है। इस बैठक के बाद प्रतिनिधिमण्डल ने यह सभी मांगो का ज्ञापन शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार को दिया। मंत्री जी लगभग 2 घण्टे तक हुई चर्चा में मांग पत्र के एक एक बिंदु पर बात हुई। इस अवसर पर संघ के प्रतिनिधिमण्डल में राष्ट्रीय संघटन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय राउत, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हिम्मतसिंह जैन सहित मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष पांडे उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश शिक्षक संघ की प्रांतीय पदाधिकारियो के सक्रिय प्रयासों से निश्चित ही शीघ्र ही सुखद परिणाम सामने आएंगे। शिक्षक संघ दमोह इकाई सहित प्रांतीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार जैन ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री लक्षिराम इंगले जी, महामंत्री श्री क्षत्रवीर सिंह जी राठौर सहित प्रांतीय कार्यकारिणी के सार्थक प्रयासों की बहुत बहुत सराहना व आभार ज्ञापित किया है।