एचआईवी पीडि़त बालक को घर से भगाया : चाचा ने किया तिरस्कार, बस में बैठकर जबलपुर पहुंचा भतीजा
जबलपुर,यशभारत। मानवता और रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें 14 साल के एक बालक को घर से इसलिए भगा दिया गया कि वह एचआईवी पीडि़त था। पूरा मामला दमोह जिले के बिजौरी का है। लेकिन इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब बालक जबलपुर पहुंचा। इस दौरान बच्चे ने बताया कि वह एचआईवी पीडि़त है और इसी के कारण उसके चाचा ने उसे घर से भगा दिया।
मोक्ष संस्था के प्रमुख आशीष ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार रात को किसी ने मुझे फ ोन किया कि एक बालक बैग टांगे उसका पता पूछ रहा है। मैं वहां पहुंचा तो बालक ने जब आपबीती सुनाई तो मन द्रवित हो गया । 14 साल के बालक ने बताया कि उसके पिता बबलू यादव व माता गीताबाई का 10-12 साल पहले ही निधन हो गया था और वह दमोह के बिजौरी में अपने चाचा भूरा यादव व दादी कलाबाई के साथ रहता था। वहीं वह कक्षा दसवीं में पढ़ता था। बालक ने बताया कि उसकी तबियत खराब रहने लगी और जांच रिपोर्ट में एचआईवी पॉजिटिव निकला तो चाचा ने यह कहकर घर से निकाल दिया कि वह उसका इलाज नहीं करा सकता।
घर से पैदल ही बस स्टेंड पहुंचा बालक
दमोह से जबलपुर पहुंचे बालक की दशा देखकर मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर थोड़ी देर के लिए मायूस हो गए। एचआईवी पीडि़त बालक ने आशीष को बताया कि करीब एक-दो साल से वह गंभीर बीमारी से परेशान है। अब उसके चाचा ने भी उसका साथ छोड़ दिया है। स्थिति ऐसी है कि वह बिजौरी के घर से दमोह बस स्टेंड पैदल ही चला आया। उसके पास किराए के लिए पैसे भी नहीं थे। बस से जबलपुर तक पहुंचने के लिए उसने बस के कर्मचारियों से मिन्नतें की, गिड़गिड़ाया बावजूद वह नहीं माने तो वह बस में लटककर जबलपुर आ गया।
मोक्ष संस्था ने दिया सहारा
जबलपुर पहुंचकर वह रात में ही मेडिकल पहुंचा जहां उसने लोगों से आशीष ठाकुर का पता पूछा । तब किसी ने आशीष को खबर कर दी। वह वहां पहुंचे और बालक से सारी जानकारी लेकर उसे सहारा दिया। आशीष ठाकुर ने बताया कि वह अब उसके इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि मोक्ष संस्था गरीब और असहायों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। रैन बसेरों में भोजन की व्यवस्था करनी हो या फिर मरीजों के लिए की व्यवस्था करवानी हो, मोक्ष संस्था सदैव तत्पर रहती है।