आलूबंडा-समोसा बेचने वाला सिस्टम से हारा: मकान बनाने 2.50 लाख मिलने थे 1 लाख मिले, जहर खाकर दी जान

जबलपुर, यशभारत। गढ़ा के त्रिपुरी चौक में आलूबंडा-समोसा का ठेला लगाने वाले 52 वर्षीय अधेड़ ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का मकान अतिक्रमण कार्रवाई के दौरान तोड़ दिया गया था जिसे तिलहरी में मकान बनाने के लिए शासन से 2.50 लाख रूपए मिलने थे लेकिन उसे 1 लाख रूपए ही मिले। इतने कम पैसों में मकान नहीं बन पाना का तनाव अधेड़ झेल नहीं पाया और उसने आत्महत्या कर ली।
मेडिकल शव लेने पहुंचे परिजनों ने बताया कि शिव शंकर कोष्ठा उम्र 52 साल चौहानी में रहते थे। अतिक्रमण कारज़्वाई में उनका मकान गिरा दिया गया था और तेवर में प्रशासन ने जमीन दी थी। जिन्होंने तनाव में आकर पॉयजन पी लिया।
त्रिपुरी चौक में थी चाय-नाश्ते की दुकान
जानकारी अनुसार शिवशंकर की त्रिपुरी चौक में चाय-नाश्ते की दुकान थी। एक लड़का इंजीनियर की पढ़ाई कर, भोपाल में जॉब की तलाश में गया था और दूसरा लड़का जबलपुर में मजदूरी करता है।
1 लाख आए थे बैंक खाते में
परिजनों ने बताया कि घोषण हुई थी कि 2.50 लाख दिए जाएंगे। लेकिन बैंक खाते में केवल एक लाख रुपए आए थे। जिसके चलते शिवशंकर कोष्ठा ने गढ़ा में ही अपनी फैमली को किराए पर रखते थे और खुद तिलहरी में टपरिया बनाकर रहते थे, क्योंकि एक लाख का तो केवल लोहा और रेत बस आती, मकान कैसे बन सकता था। इसी के चलते वह तनाव में था। पुलिस ने मगज़् कायम कर, मामला जांच में लिया है।