कटनीमध्य प्रदेश

आज रात या कल जारी हो सकती मंडल अध्यक्षों की सूची, भाजपा कार्यालय में चल रही बैठक, बंद लिफाफे में भोपाल जायेंगे नाम, प्रदेश कार्यालय से होगा ऐलान

संगठन के चुनाव में गड़बड़ी का रिकॉर्ड बना सकता कटनी जिला, कई मंडलों में नहीं हुई रायशुमारी, पसंद का नाम थोपने की कोशिशें

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कटनी। आज रात्रि या कल तक भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। जिले के सभी 26 मंडलों में पर्यवेक्षकों के जरिए रायशुमारी की खानापूर्ति कर लिए जाने के बाद आखिरी निर्णय भोपाल से होना हैं। बंद लिफाफे में प्रस्तावित नाम भोपाल जायेंगे और डिस्कशन के बाद प्रदेश कार्यालय से सूची जारी हो जाएगी। जानकारी मिली है कि आज जिला भाजपा कार्यालय में मंडल अध्यक्ष के नामों को अंतिम रूप देने अहम बैठक भी हो रही हैं, जिसमें वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाना है। इस बार जिले के दो मंडलों में महिला अध्यक्ष बनाने के निर्देश पार्टी ने दे रखे हैं, इस पर भी आज की बैठक में विचार किए जाने की खबर है।

भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में संगठन चुनाव को संगठन पर्व के रूप में मनाते हुए नया नेतृत्व तैयार करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है, किंतु कटनी जिले में संगठन के चुनाव महज रस्म अदायगी बनकर रह गए हैं। बूथ कमेटियों से लेकर मंडलों में अध्यक्ष के चुनाव तक जिस प्रक्रिया को अपनाया गया, उसने कई सवाल खड़े कर दिए। पार्टी ने 23 और बाद में बढ़े 3 मंडल मिलाकर 26 मंडलों में चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, जिन्हें मंडलों में जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर रायशुमारी करना थी, लेकिन बताया जाता है कि मंडलों में इस प्रकिया को पारदर्शी बनाने की बजाय पहले से तय नाम पर सहमति बनाने के प्रयास चलते रहे। इस बार हर मंडल को 100 सक्रिय सदस्य बनाने के लिए बहियां उपलब्ध कराई गई थी। चुनाव से पहले सक्रिय सदस्यता की पूरी सूची सार्वजनिक करना थी, लेकिन इस बार इतनी गोपनीयता बरते जाने की आखिर वजह क्या है। सूत्र बताते हैं कि कार्यकर्ताओं की राय को महत्व देने के स्थान पर जो नाम जिले की ओर से दिया गया, उस पर ज्यादा फोकस था। अगर किसी मंडल में 3 या चार नाम आए और इनमें कोई भी नाम जिले के वर्तमान नेतृत्व को पसंद नहीं आया तो अपनी ओर से नया नाम जोड़कर लिफाफा भोपाल भेजा जा रहा है। बूथ कमेटियों के चुनाव में भी खानापूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं। अनेक स्थानों पर कमेटियां बनाने कार्यकर्ता न मिल पाने के कारण पुरानी बूथ कमेटियों की फोटोकापी जमा कर दी गई। उधर माधवनगर मंडल में तो असंतोष के स्वर साफ सुनाई पड़े। यहां के सिंधी समाज से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बैठक कर साफ संदेश देना चाहा कि माधवनगर मंडल का अध्यक्ष उनके बीच से हो।

कार्यकर्ताओं में असंतोष, लेकिन अनुशासन का भय

पार्टी की ओर से निर्देश है कि 15 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से मंडल अध्यक्ष के चुनाव हो जाने चाहिए। कई जिलों में घोषणाएं हो भी चुकी हैं। कटनी में आज रात्रि या कल तक सूची जारी होने के आसार हैं। मंडल अध्यक्षों के नाम भोपाल भेजने से पहले जिला कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ भी चर्चा की जा रही है। आज इस सिलसिले में बैठक भी होने की खबर है। चुनाव के तौर तरीकों को लेकर हालांकि कार्यकर्ताओं में असंतोष भी है लेकिन यह खुले रूप में सामने नहीं आ रहा। इस बार बड़े नेताओं का फोकस जिलाध्यक्ष के चुनाव पर है। सारी रणनीति जिलाध्यक्ष को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। 30 दिसंबर के पहले नए जिलाध्यक्ष का नाम तय होना है, लिहाजा करीब आधा दर्जन दावेदार भोपाल तक लामबंदी में जुटे हैं।

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