अरुणोदय 2022 पत्रकार अरुण शुक्ला स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार के 27 वें सोपान का भव्य आयोजन :संस्कार ऐसे मिले की प्रतिभा को झुकने नहीं दिया, अरूणोदय की तरह चमकते रहे
जबलपुर, यशभारत। संस्कारधानी में अरुणोदय यशभारत निवास शताब्दिपुरम में रविवार 20 फ रवरी को आयोजित पत्रकार अरुण शुक्ला स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार, श्रीमती माया शुक्ला स्मृति महिला पत्रकारिता एवं श्रीमती सुशीला शुक्ला स्मृति श्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार समारोह अरुणोदय 2022 के 27 वें सोपान में नगर के चुनिंदा पत्रकारों व श्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को शॉल श्रीफ ल, प्रतीक चिन्ह और सम्माननिधि से सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटैल, कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राजेश पांडेय ,विशिष्ट अतिथि तेंदूखेड़ा विधायक संजय शमाज़्, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉं. प्रदीप कुमार बिसेन,रादुविवि के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने भव्यता व गरिमामय माहौल में कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्तिवाचन के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया । अतिथियों ने स्व. अरुण शुक्ला एव श्रीमती सुशीला शुक्ला के तैल चित्र पर भी माल्यापज़्ण कर उनको आदरांजलि दी। कार्यक्रम में पधारे अतिथियों ने कहा कि यह सुअवसर प्रतिभाओं को सम्मानित करने का नहीं, अपितु कालजयी पत्रकारिता को निखारने का है। पत्रकार से यशभारत के संस्थापक बने आशीष शुक्ला को संस्कार ऐसे मिले कि उन्होंने प्रतिभाओं को झुकने नहीं, हमेशा अरूणोदय की तरह चमकते है। शहर की पत्रकारिता को एक आयाम मिले इसके लिए लगातार यशभारत परिवार अरूणोदय पुरस्कार कायज़्क्रम आयोजित करता आ रहा है। अतिथियों ने कहा कि सच को सामने लाना आसान काम नहीं है लेकिन पत्रकार इस काम को बखूबी निभा रहे हैं पत्रकार को हर चुनौती से निपटने में सक्षम होना चाहिए। खोज परक समाचार निकाल कर उसे निर्भीकता के साथ पाठकों तक पहुंचना ही असल में पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि आशीष शुक्ला जैसे बेटा आज की जरूरत है। जिन्होंने अपने माता -पिता को याद को इस स्मृति शेष आयोजन से संजोये रखा।
वर्ष 2022 के लिए ये हुए सम्मानित व पुरस्कृत
वरिष्ठ पत्रकारिता सम्मान (लाइफ टाईम अचिवमेंट अवॉर्ड)- विनोद वैद्य (यशभारत)
युवा पत्रकार सम्मान- राजेन्द्र शर्मा (दैनिक भास्कर), अफ रोज खान (पत्रिका), ब्रजेश शुक्ला(नई दुनिया) अनिल दीक्षित (प्रदेश टुडे)।
श्रीमती माया देवी स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार श्रीमती मंजू पांडे (दैनिक भास्कर)
इलेक्ट्रानिक मीडिया से न्यूज 18 के प्रतीक अवस्थी
श्रीमती सुशीला शुक्ला स्मृति श्रेष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार श्रीमती कविता जायसवाल आंगनबाड़ी केन्द्र 60 दीनदयाल वाडज़् एवं श्रीमती ऊषा कोष्टा आंगनबाड़ी केन्द्र 57 केंट वार्ड को शॉल श्रीफ ल, प्रतीक चिन्ह और सम्माननिधि से सम्मानित और पुरस्कृत किया गया ।
इनने किया स्वागत
अतिथियों को स्वागत आशीष शुक्ला, श्रीमती डॉ रश्मि शुक्ला अखिलेश शुक्ल,पवज़् जायसवाल,एड.संपूर्ण तिवारी उदयभान सिंह ,आदित्य पण्डित अवधेश कटारे,अभिषेक शुक्ला-, अजेय शुक्ला,शालिनी कटारे, श्ऱद्धा पंडित योगेश अग्रवाल ,सतेन्द्र तिवारी , अर्पित शुक्ला, सौरभ शुक्ला,अंकित शुक्ला श्रीमती विनीता अग्निहोत्री ने किया।
डायरेक्टरी अरुणोदय 2022 का विमोचन
अतिथियों ने समारोह के समापन पर यशभारत की टेलीफोन डायरेक्टरी अरुणोदय 2022 का विमोचन किया। इस मौके पर सम्मानीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह आयोजन समिति के सदस्यों के द्वारा भेंट किया
सत्य को प्रमाण की नहीं परिणाम की आवश्यकता -प्रहलाद पटेल
केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण, जल शक्ति राज्य मंत्रि प्रहलाद सिंह पटैल ने अपने उद्बोधन में कहा कि अरुणोदय जिनकी स्मृति में सम्पन्न हो रहा है में अरुण भैया भाभी के चरणों में नमन करता हूँ और स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए आशीष शुक्ला को साधुवाद और आशीर्वाद देता हूँ। एक ऐसा कायज़्क्रम जिससे समाज में हम नजर उठाते है तो कमी दिखती है। भीड़ तो दिखती है पर जिज्ञासु भाव कम दिखते हैं। पत्रकारिता के दौर बदलते जा रहे। विश्वसनीयता का संकट है। ऐसे समय में निष्पक्ष पत्रकार चुनना कठिन है। अब सोशल और डिजिटल मीडिया का जमाना। अब लोग कहने और बोलने से डरने लगे हैं। चुनौतियों से जूझना तो पड़ेगा ही। दुनिया सदैव पुकार मचाएगी- नूतनता, नूतनता। हम नयापन तो स्वीकार है लेकिन सच्चाई स्वीकार नहीं। हम असत्यता से सहमत नहीं हो सकते। भरोसा तो होना ही चाहिए। जब सम्बन्ध बनता है और चीजें आगे चलती हैं तब विश्वास की डोर ही अहम हो जाती। सत्य को प्रमाण की नहीं परिणाम की आवश्यकता है। जब हम कभी किसी पत्रकार या इतिहास कार के पास या पुस्तकालय के पास जाएंगे तो हमारा ज्ञान ही बढ़ेगा। भीड़ से परे आप तमाम मनीषियों को प्रणाम।
सम्मान उन्हीं को मिलता है जो इसके वास्तविक हकदार-विवेक तन्ख
प्रमुख अतिथि राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने भी अपने वर्चुअल उद्बोधन में कार्यक्रम में साक्षात रूप से उपस्थित ना होने पर अफ सोस जताया और कहा कि वे देश से बाहर है। उन्होंने कहा कि कायज़्क्रम एवं उनके संयोजक आशीष शुक्ला की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आशीष जी ने पिछले 27 सालों से पत्रकारों का सम्मान कर एक नई पीढ़ी प्रदान की है। उनका पत्रकारिता पुरस्कार निष्पक्ष रहता है ।चूंकि सम्मानितों का चयन का चयन वरिष्ठ पत्रकारों की टीम करती है। जो अलग-अलग अखबारों से होते हैं। अत: सम्मान उन्हीं को मिलता है जो इसके वास्तविक हकदार हैं। उन्होंने गवज़् के साथ कहा कि जबलपुर के पत्रकार निष्पक्ष रुप से निर्भीकता के साथ पत्रकारिता कर रहे हैं।
माता-पिता के मूल्यों को स्थापित रखना बड़ी बात – राजेश पांडे
अध्यक्ष की आसंदी से वरिष्ठ पत्रकार राजेश पांडे ने सम्मानित व पुरस्कृत पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि अरुणोदय -2022 एक ऐसे संकल्प की झलक दिखाता है जिसे आशीष शुक्ला इतने वर्षोंं से कर रहे। माता पिता के मूल्यों को स्थापित रखना बड़ी बात है। आशीष ने यह सिलसिला जारी रखा। सत्य और विश्वसनीयता का अभाव हर क्षेत्र में है। पत्रकारिता में भी यह संकट है। प्रह्लाद पटैल जी के गुण प्रेरणा देते है । वे अच्छे इंसान और नेता है। हमें महात्मा गांधी की पत्रकारिता को याद करना पड़ेगा। इंडियन ओपिनियन नामक अखबार उन्होंने निकाला और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ होने वाले शोषण की आवाज बुलंद की। गांधी ने 3 अखबार निकाले। पत्रकारिता को वे मिशन और सेवा का जरिया मानते थे इसलिए विज्ञापन नहीं लेते थे। वे कहते थे सच और अपनी बात कहने की आजादी का पालन पत्रकार को करना चाहिए लेकिन जिन मूल्यों को लेकर चल रहे है उसकी विश्वसनीयता बरकार रहे। आजादी की पहले की पत्रकारिता के तेवर अलग थे। लेकिन आर्थिक उदारीकरण के बाद पत्रकारिता का चेहरा बदल गया। पत्रकारिता में व्यावसायिकता हावी हो गई। अब दैनिक अखबार में खर्चे इतने ज्यादा की लोगों को समझौते करने पड़े। 90 के दशक के बाद यह ज्यादा मुश्किल हो गया। 90 कि दशक के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उभरा। फि र डिजिटल मीडिया सामने आया । अब सबसे ज्यादा मार प्रिंट मीडिया पर पड़ा लेकिन सबसे ज्यादा भरोसा भी प्रिंट मीडिया पर होता है। आप भले ही पूंजी लगाकर ज्यादा पेज के कलर अखबार निकाल लें लेकिन भरोसा होना जरूरी है। मप्र के पत्रकार राजेन्द्र माथुर और प्रभाष जोशी ने पूरे भारत में हिंदी पत्रकारिता पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। इन पत्रकारों से हमें सीख मिलती है। अगर आप अच्छा लिखना चाहते है तो आपको अच्छा पढऩा चाहिए। जब शब्दकोश रहेगा तभी आप लिख पाएंगे। पढ़ाई का दायरा अधिक विषयों तक होना चाहिए। इन सब चीजों का पालन किया जाए तो विश्वसनीयता और ईमानदारी हासिल की जा सकती है। अगर किसी के बारे में खबर लिखी जाए तो उस व्यक्ति से भी बात की जानी चाहिए। इस भन्य आयोजन के लिए आशीष शुक्ला को बधाई।
आपका हृदय से स्वागत- आशीष शुक्ला
कार्यक्रम के आयोजक यशभारत के संस्थापक आशीष शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन मे कहा कि मैं यहां पहुंचे सभी सम्मानीय अतिथियों का हृदय से स्वागत करता हूँ। यह पहला मंच होगा कि जहां पत्रकार चयन करते है कि किन पत्रकारों को पुरष्कृत किया जाए। इस विशेष अवसर पर मैं स्वागत उन लोगों का करना चाहता हूं जो अपना बहुमूल्य समय निकालकर कार्यक्रम में आए। मैं आपके एक-एक पल का ऋ ण तो नहीं चुका सकता। मैं आप सभी लोगों के माता-पिता के चरणों को प्रणाम करते हुए सभी का स्वागत करता हूं।
माता-पिता के प्रति संस्कारों के साथ फ र्ज निभाना आशीष से सीखें- बिसेन
जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पी.के. बिसेन ने एक अह्म मुद्दे को सामने लाते हुए कहा कि आज के समय में एक ऐसा संकट है कि सामूहिक परिवार टूटते जा रहे है, एकल परिवार प्रथा शुरू हो चुकी है। अब हर शहर में वृद्धाश्रम खुलने की मांग होने लगी है। पर क्या संस्कार है। माता-पिता के प्रति अपने संस्कारों के साथ फजज़् निभाना कोई सीखे तो आशीष शुक्ला से। उन्होंने कहा कि आज यहां तीन पीढिय़़ां उपस्थित हैं। इनमें से एक पीढ़ी को ईश्वर से शिकायत है तो दूसरी पीढ़ी कामना करती है। तीसरी पीढ़ी ईश्वर का धन्यवाद देती है। हम जैसे बुजुगज़् पीढ़ी के लोग जिनकी अब संतान नहीं हो सकती, वे ईश्वर से शिकायत करते हैं कि हमें आशीष शुक्ला जैसी संतान क्यों नहीं दी। दूसरी पीढ़ी ईश्वर से कामना करती है कि हे ईश्वर हमें आशीष शुक्ला जैसी संतान दे जो अपने माता पिता का नाम जिंदगी भर रोशन करे और एक पीढ़ी वह है जो आशीष शुक्ला से सम्मान पाकर धन्य होती है। जाबालि ऋ षि की तपोभूमि, संस्कारधानी। जब इसे कहा जाता है तब चिंतन। आचार्य विनोबा भावे जी ने क्या बात देखी थी जो जबलपुर को संस्कारधानी कहा था, शायद आशीष शुक्ला जैसे व्यक्ति से ही उनकी मुलाकात हुई होगी। जिनमें संस्कार और समपज़्ण एक साथ है।
बड़ा कठिन काम है योग्य लोगों में से विशेष योग्यता का सम्मान करना : संजय शर्मा
विशिष्ट अतिथि की आसंदी से तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा ने कहा कि बड़ा कठिन काम है योग्य लोगों में से विशेष योग्यता का सम्मान करना। आज के समय में चौथे स्तम्भ की समाज को आवश्यकता है। देश मे क्या घटित हो रहा है, उससे सबको अवगत कराने की जिम्मेदारी पत्रकारों की होती है। इससे बेहतर कार्यक्रम नही हो सकता। सभी को शुभकामनाएं। अगर कोई अच्छा कायज़् करे तो पॉजिटिव खबर भी दें। विधायकश्री शर्मा ने कहा कि पत्रकारों का सम्मान व पुरस्कार यह जो कार्यक्रम आयोजित हुआ है इसमें शामिल होकर मैं बड़ा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह कार्यक्रम कहीं ना कहीं युवा पत्रकारों को एक प्रेरणा देता है। उन्होंने आशीष शुक्ला को साधुवाद देते हुए कहा कि कि वे ऐसा कार्यक्रम दो दशक से करते आ रहे हैं जो पत्रकारों के लिए एक प्रेरणा ोित बना हुआ है।
यह आयोजन एक अनुष्ठान है- प्रो कपिल देव मिश्र
रानी दुर्गावती विवि के कुलपति प्रो कपिल देव मिश्रा ने कहा कि अरुणोदय 26 वषोज़्ं से चला आ रहा है। यह 27 वां वर्ष है। हम 27 नक्षत्रों की बात भी करते हैं वह अनुकूल हों, मैं आशीष भैया और सभी को बंधाईयां देता हूं। सभी का सम्मान करता हूं। यह आयोजन एक अनुष्ठान है सच में अरुणोदय एक ऐसी परंपरा है। जब से मैं विवि में आया हूं, सदैव उपस्थित हुआ हंू। यह एक ऐसा अनुष्ठान है,जो हम सब कहते है ऋण तीन प्रकार के होते है, देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण। आशीष पितृृ ऋ ण से तो मुक्त हो ही रहे है साथ ही देव और ऋषी ऋण से भी मुक्त हो रहे है। उस आदर्श को जो स्व. अरुण शुक्ला जी ने स्थापित किया है,राजतरंगनी में कहा गया है कि कवि या लेखक वहीं प्रणम्य है, जो राग, द्वेश से मुक्त हो। उस परंपरा को आशी अपने पिता स्व. अरुण शुक्ला जी की याद में स्थापित कर रहे है। आजादी के अमृत महोत्सव के बाद यह इतिहास लिखा जा रहा है। भारत में ही नहीं विश्व में यह परंपरा जाएगी। मैं सभी को बंधाईयां देता हूं।
ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए : कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा ने कहा कि ऐसा कार्यक्रम पहली बार देख रहे हैं कि जहां सभी पत्रकारों को सम्मानित और पुरुष्कृत किया जा रहा है। ऐसे आयोजन में शामिल होना गौरव की बात है। कार्यक्रम के बाद कलेक्टर और अपर कलेक्टर ने नवनिर्मित यशभारत कार्यालय का अवलोकन किया।
कुशल संचालन ने जीता दिल
कार्यक्रम का कुशल संचालन अपने चिरपरिचित शायराना अंदाज में नगर के जाने माने उद्घोषक डॉ . राहुल पाठक ने किया।
आभार प्रदर्शन
डॉ रश्मि शुक्ला ने अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि आप लोगों की गरिमामय उपस्थिति सभी पत्रकारों में एक नयी ऊर्जा का संचार कर गयी। उन्होंने उपस्थित जनों का भी आभार जताया कि जिन्होंने इस आयोजन में आकर हमें संबल प्रदान किया।
यह है चयन समिति
प्रतिष्ठित संपादकों की चयन समिति में हिन्दी एक्सप्रेस के संपादक रविन्द्र वाजपेयी, दैनिक भास्कर के समाचार संपादक पंकज शुक्ला, पत्रिका के संपादक गोविन्द ठाकरे, नई दुनिया के जितेन्द्र रिछारिया ,प्रदेश टुडे के संपादक पंकज पटैरिया,यशभारत के संपादकीय प्रभारी प्रवीण अग्रहरि शामिल हैं।
आयोजन समिति में शरद जैन पूर्वमंत्री, अवधेश कटारे, उदयभान सिंह,पर्व जायसवाल,राजुल करसोलिया,आदित्य पंडित, अखिलेश शुक्ला, आशीष शुक्ला, अभिषेक शुक्ला, अजेय शुक्ला, सौरभ शुक्ला, अर्पित शुक्ला, अंकित शुक्ला, रुझान, प्रखर,मोनिका, साक्षी, अस्तित्व, अर्थ, सांझ ,यशिका ईशानी शामिल रहे।
कार्यक्रम में मीडिया जगत के विशिष्ट जनों के साथ ही बड़ी संख्या में प्रेस कमीज़् जनप्रतिनिधि राजनैतिक, सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। समाज सेवी सतेन्द्र जैन जुग्गू, डॉ पवन स्थापक, डॉ अखिलेश गुमास्ता, डॉ संजय मिश्रा, डॉ मयंक चंसौरिया, एस सी ददरया ,शैलेन्द्र सिंह ठाकुर , सुश्री मधु यादव,कमलेश रावत, जगत बहादुर सिंह अन्नू सतीश उपाध्याय,डॉ अभिलाष पांडे, राजुल करसोलिया, सतीश तिवारी, पंकज पाण्डेय, डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी, डॉ. आनंद सिंह राणा, राममूर्ति मिश्रा, महेशा केमतानी , योगेन्द्र दुबे, तरुण दीक्षित, डॉ अमित साहू,कटनी यशभारत से स्थानीय सम्पादक आशीष सोनी, आशीष रैकवार व प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।