अंतरराज्यीय गिरोह के तीन गुर्गों को पुलिस ने दबोचा : गोल्डन सिम देने के नाम पर 52 बैंक अकाउंट में 3 करोड़ रूपये करवाया ट्रांसफर
जबलपुर, यशभारत। जबलपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन गुर्गों को दबोच लिया है। जिन्होंने एयरटेल कंपनी की गोल्डन सिम देने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए अभी तक 52 बैंक अकाउंट में 3 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाया। गिरोह का सरगना मुंबई निवासी रवि मिश्रा एवं अन्य गिरोह के सदस्य फरार बताए जा रहे है।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि थाना गोरखपुर में 15 मार्च 2022 को हरजिंदर सिंग 53 वर्ष निवासी गुप्तेश्वर बाग गोरखपुर ने पुलिस को बताया कि वह स्पेयर पाट्र्स की दुकान चलाता है। एक अज्ञात व्यक्ति ने उसके साढूभाई हरमिंदर सिंह निवासी प्रेमनगर के मोबाइल में गोल्डन नंबर सीरीज के लिए टैक्स मैसेज भेजा था। जिसमें सीरीज के लिए 49 हजार 999 रुपए के ऑफर में मोबाइल में बात करने तथा वाट्सअप मैसेज करने के लिए लिखा था। तब उन्होंने इस स्कीम के वारे में बताया था। उसने अपने अपने मोबाइल से कॉल एवं वाट्सअप पर मैसेज से बात की। मोबाइल नंबर ने धारक ने स्वयं को एयरटेल का ऐजेंट बताया और बताया कि गोल्डन मोबाइल नंबर 900000000 की स्कीम के एलोटमेंट के लिए वाट्सअप से टैक्स इनवॉईस भेजी, जिसमें अकाउंट नंबर आदि जानकारी देते हुए 41 हजार 300 रुपए पेमेंट करने के लिए बोला गया था। जिस पर उसने एयू स्माल फायनेंस बैंक शाखा नेपियर टाउन के खाते से पेमेंट कर दी। लेकिन जब दोबारा फोन लगाया तो फोन बंद आने लगा। जिसके बाद पीडि़त ने थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया था। मामला दर्ज होते ही हरकत में आई पुलिस ने जब पड़ताल शुरु कि तो पता चला कि भरतीपुर का रहने वाला अशोक तीरथानी अचार-बरी बेचने का काम करता है। जिसके अकाउंट में शिकायतकर्ता का पैसा जमा कराया गया है।
जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को अक्षिरक्षा में लेते हुये सघन पूछताछ की गयी तो अशोक तीरथानी ने अपने मित्र दिलीप कुकरेजा जो कि शुभम राय का किरायेदार है एवं आचार बरी पापड बेचता है, शुमन के साथ कई बैंक अकाउंट खोलकर धोखाधड़ी का पैसा बैंक अकाउंट में डलवाना स्वीकार किया।
कई बैंक अकाउंट खुलवाए
पड़ताल में पता चला कि दिलीप कुकरेजा एवं शुभम राय को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि मुम्बई में रहने वाले रवि मिश्रा एवं राज के कहने पर शुभम राय द्वारा जबलपुर शहर में कई लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में कई बैंक अकाउंट खुलवाये गये हैं। जिसमें रवि मिश्रा एवं राज द्वारा गोल्डन सिम प्रोवाइड कराने का लालच देकर लोगों से एयरटेल कम्पनी का खाता बताकर अपने गिरोह के लोगों के खाते में पैसे ट्रांसफ र कराये जाते थे । जिस पर शुभम राय अपना हिस्सा लेकर शेष राशि रवि मिश्रा को ट्रांसफ र कर देता था । इस तरह शुभम राय ने अन्य लोगों को भी फर्जी खाता खोलने के लिए प्रेरित किया और लगभग 52 बैंक अकाउंट में लगभग तीन करोड़ रूपये का ट्रांजेक्शन कराया और अपने साथी रवि मिश्रा के साथ शेयर किया ।
तीनों आरोपियों को दबोचा
आरोपी शुभम मिश्रा की निशादेही पर घटना में प्रयुक्त 52 बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन 7 एटीएम डेबिट कार्ड, 1 पासबुक 2 चेक बुक , 2 आधार कार्ड 1 पेनकार्ड .1 केवायसी फ ार्म जिसमें 8 मोबाईल फ ोन 1 नई सुजुकी स्कूटी जब्त की गयी है । आरोपीगण के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की गयी । जिसके अनुसार लगभग तीन करोड़ रुपये का धोखाधडी की गयी है ।
तीनों आरोपियों को प्रकरण में विधिवत गिरफ्तार करते हुये माननीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये आरोपी शुभम राय को रिमाण्ड पर लिया जा रहा है ।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
गिरोह का मुख्य आरोपी मुम्बई निवासी रवि मिश्रा जो कि मूलत: बिहार पटना का रहने वाला है। जिसके द्वारा मैसेज एवं काल करके एयरटेल कम्पनी का बीआईपी नम्बर / फैसी नम्बर देने का लालच देकर पैसों की मांग की जाती थी व राशि को विभिन्न खातों में जमा कराया जाता था । आरोपी उखरी निवासी शुभम राय रवि मिश्रा का दोस्त है जो कि पहले मुम्बई में लगभग 5 साल तक फि ल्म सिटी में साथ में काम कर चुका है । रवि के कहने पर शुभम राय जबलपुर में लोगों को प्रति खाता 1000 रुपये का लालच देकर उनसे खाते खुलवाकर चैक बुक , एटीएम अपने पास रख लेता था तथा उक्त खातों में जालसाजी का पैसा डलवाकर शुभम राय अपना हिस्सा रखने के बाद शेष रूपये रवि मिश्रा के अकाउंट में ट्रांसफ र कर देता था । इनकी 50-50 प्रतिशत की पार्टनरशिप थी । पूर्व में शुभम राय इसी प्रकार की जालसाजी में वर्ष 2017 में लखनउ उत्तर प्रदेश में पकड़ा जा चुका है । महाराष्ट्र , तमिलनाडू , केरल के अलावा कई राज्यों में धोखाधड़ी करना स्वीकारा है । अभी तक की पूछताछ में लगभग 500 से ज्यादा व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी एवं लगभग 52 बैंक अकाउंट खुलवाने एवं उसमें लगभग 3 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी प्राप्त हुई है ।