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Yash Bharat Jeevan Astrology: यश भारत जीवन ज्योतिष : मांगलिक कुंडली के जातक होते हैं साहसी

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Yash Bharat Jeevan Astrology: यश भारत जीवन ज्योतिष में आज प्रख्यात ज्योतिष आचार्य पंडित लोकेश व्यास से यश भारत के संस्थापक आशीष शुक्ला ने कुंडली में बनने वाले मांगलिक दोष को लेकर विशेष चर्चा की । इस दौरान पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि मांगलिक कुंडली से बिल्कुल ना घबराए मांगलिक जातक साहस और शौर्य से भरे होते हैं जो अपनी जिंदगी में बहुत तरक्की करते हैं

अक्सर विवाह में वर और वधू की कुंडली में मांगलिक दोष को लेकर विशेष चिंता होती है । इस दोष के विशेष प्रभाव के कारण पति-पत्नी की आपसी कलह, मनमुटाव और यहां तक की जीवन में विछाेह होने की संभावना भी बताई गई है|

•ट्रिपल मांगलिक पत्रिका

 

Yash Bharat Jeevan Astrology:

पंडित लोकेश व्यास ने यश भारत के लोकप्रिय कार्यक्रम जीवन ज्योतिष में बताया कि पहले चौथे सातवें आठवें 12वें भाव में यदि मंगल देव कुंडली में विराजमान होते हैं तो पत्रिका मांगलिक बता दी जाती है लेकिन मांगलिक दोष में भी विशेष प्रबल
त्रि बल मांगलिक पत्रिका होती है जिसमें यदि सातवें और बारहवें भाव में कर्क राशि का नीचे का मंगल हो और उसमें किसी क्रूर ग्रह की दृष्टि हो तो यह योग चिंता का विषय होता है लेकिन अच्छी बात यह है की 80% पत्रिकाओं में यह दोष नहीं बनता है |

यश भारत जीवन ज्योतिष : मांगलिक कुंडली के जातक होते हैं साहसी
यश भारत जीवन ज्योतिष : मांगलिक कुंडली के जातक होते हैं साहसी

•दोनों की पत्रिकाएं हो मांगलिक

पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि विवाह के दौरान यदि लड़का और लड़की दोनों की पत्रिकाएं मांगलिक हो तो विवाह सुख में व्यतीत होने की संभावना होती है लेकिन अगर मेष राशि का मंगल लग्न में हो जाए और वृश्चिक का मंगल चतुर्थ भाव में हो जाए और वृष राशि का मंगल सप्तम में तुला में हो जाए, कुंभ राशि का मंगल अष्टम में हो जाए और धनु का द्वादश भाव में हो जाए तो कुंडली मंगली नहीं होती जिसे लोकाचार में आंशिक मंगली कुंडली कहते हैं। लोकेश व्यास ने बताया कि मांगलिक कुंडली देखने के बहुत सारे श्लोक और बहुत सारे सूत्र और सिद्धांतों को देखा जाता है और फिर किसी निर्णय पर पहुंच जाता है कुंडली मिलन होता है तो बहुत ही सावधानी रखी जानी चाहिए|

• साहसी होते हैं मांगलिक

मांगलिक कुंडली में भी यह देखा जाता है की उम्र के किस पड़ाव में उसे समस्याएं होंगी। अक्सर पूरे जीवन भर मांगलिक दोष प्रभाव नहीं डालता लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर उसके प्रभाव देखने को मिलते हैं लेकिन मांगलिक कुंडली का सबसे रोचक पहलू यह है कि मांगलिक साहस से भरे हुए होते हैं और विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी मांगलिक कुंडली वाले लोग संघर्ष करके ऊंचाइयों को छूते हैं और अक्सर अपना मुकाम जीवन में बनाते हुए देखे जाते हैं यह मांगलिक कुंडली का सबसे बड़ा प्रभाव है।

•यह होती है समस्याएं

पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि त्रि त्रि बल मांगलिक दोष के कारण तनाव और क्रोध आता है अक्सर देखा होगा कि छोटे बच्चे गुस्सा होने पर पैर और सर पटकते हैं।

•दोष से बचने यह है उपाय

यश भारत के संस्थापक आशीष शुक्ला से चर्चा करते हुए लोकेश व्यास ने बताया कि मांगलिक दोष से बचने के लिए हनुमान जी की शरण लेना आवश्यक है मंगलवार का व्रत करें और उज्जैन में मंगलनाथ भगवान के पूजन से यह दोष निष्प्रभावी हो जाता है यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि महिलाओं में मांगलिक दोष होने पर वह हनुमान जी की मूर्ति का स्पर्श न करें बल्कि दूर से ही प्रणाम करें महावीर आशीर्वाद अवश्य देते हैं।

•वास्तु में भी है उपाय

पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि जिनकी भी मांगलिक कुंडलिया है वह घर निर्माण के समय अगर लाल पत्थर लगा दें तो इस दोष से बहुत हद तक छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही त्रयोदशी के दिन भोलेनाथ के मंदिर में चौमुखा दीपक लगा दें इस उपाय से भी मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है।

•बड़े उद्योगपतियों की कुंडली में होता है यह दोष

पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि उनकी अभी तक की स्टडी में एक बात खुलकर सामने आई है कि मांगलिक दोष के जातक बहुत तरक्की करते हैं अक्सर बड़े उद्योगपतियों और बड़े प्रशासनिक अधिकारियों की कुंडली में यह दोष देखा गया है उन्होंने बताया कि मांगलिक दोष से घबराने की जरूरत नहीं है विवाह के समय कुंडली मिलान करके ही शादी करें और वैदिक ज्योतिष और कर्म का अनुसरण कर हम मांगलिक दोष को भी निष्प्रभावी बना सकते हैं।

•विशेष रूप से करें कुंडली का मिलान

कुंडली के सप्तम और 12 भाव में मंगल होने पर विशेष रूप से बारीकी से कुंडली का मिलान किया जाना चाहिए सप्तम भाव सीधे रूप से दांपत्य का कारक होता है और पत्नी और पति का भाव होता है 12वीं भाव का मंगल नसों में कमजोरी की समस्या और दांपत्य जीवन में असंतोष का कारक बनता है कभी-कभी क्रूर ग्रहो की दृष्टि होने पर या अन्य परिस्थितियों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स को बढ़ावा दे देता है जब भी अपनी दशा या अंतर्दशा में ट्रिगर करता है अष्टम मंगल जातक को रहस्यमई विधाओं का स्वामी बनता है और रिसर्च में लेकर जाता है और जातक से वह करवाता है जो दुनिया के लिए सदियों तक आश्चर्य का कारक बनता है वैसे अष्टम भाव शुभ नहीं माना जाता है ज्योतिष में वेदिक उपायों द्वारा काफी सारी समस्याओं से निजात मिल जाती है|

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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