जबलपुर जेल में बंद कैदी की मौत पर हंगामा परिजनों ने लगाए पुलिस व जेल प्रशासन पर आरोप
उप जेल अधीक्षक ने कहा.. नशीले इंजेक्शन का आदि था मृतक
जबलपुर,यशभारत। केंद्रीय नेताजी सुभाषचंद्र जेल में बंद कैदी मोनू विश्वकर्मा की इलाज के दौरान हुई मौत के मामले ने गुरूवार को उस वक्त तूल पकड़ लिया जब मृतक के परिजनों ने अधारताल पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मंाग की और जेल गेट के बाहर हंगामा किया। परिजनों ने मोनू की मौत को संदिग्ध बताया है।
उधर उप जेल अधीक्षक मदन कमलेश ने बताया कि मोनू विश्वकर्मा नशीले इंजेक्शन और शराब का आदि था जो जेल में बंद था। हालत बिगड़ने पर जेल अस्पताल मेें भर्ती कराया गया था। यहां हालत और बिगड़ी तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने खुद पुलिस से शिकायत की थी कि मोनू शराब पीकर उत्पात करता है जिस कारण जेल में उसके परिजन उससे मिलने भी नहीं आते थे। उप जेल अधीक्षक के अनुसार मामले की मजिस्ट्रिशियल जांच भी कराई जा रही है। जानकारी के अनुसार मृतक मोनू विश्वकर्मा केंद्रीय जेल में 2018, 2020, 2021 और 2023 में आ चुका है।
शनिवार रात को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार कटरा गौरी शंकर मंदिर अधारताल के पास किराए के मकान में रहने वाला मोनू विश्वकर्मा 26 वर्ष गैस सिलेंडर का वितरक था। जिसके खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में वारंट जारी किया गया था। अधारताल पुलिस ने वारंट के तहत 17 जून शनिवार की रात 3 बजे मोनू को घर से गिरफ्तार किया था। रविवार को उसे कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया था।
बहन ने कहा.. मेरा भाई पूरी तरह स्वस्थ था
मृतक की बहन प्रीति विश्वकर्मा ने बताया कि हमारा भाई प्रतिदिन 60 से 70 किलो का गैंस सिलेंडर उठाता था वो पूरी तरह से स्वस्थ था। पुलिस थाने में एक दिन रखने के बाद जेल में उसकी तबियत अचानक कैसे खराब हुई ये समझ से परे है। अगर मेरे भाई मोनू विश्वकर्मा की तबियत खराब थी और उसे मेडिकल ले जाया गया था तो हमे सूचना क्यों नहीं दी गई। प्रीति के अनुसार पीएम होने के बाद पुलिस ने गत शाम करीब 5 बजकर 39 मिनिट पर उन्हें सूचना दी कि उनके भाई की मौत हो गई है जिसके बाद परिजनों के होश उड़ गए। मोनू की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।