स्कूलों से रोकी जाएगी आत्महत्याः स्कूल शिक्षा विभाग की अनूठी पहल, अफसरों को मिले निर्देश
जबलपुर, यशभारत। 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या दिवस है इसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने नया प्लान तैयार किया है। दरअसल अब आत्महत्या रोकने का प्रयास सरकारी स्कूलों से किया जाएगा। इसके आदेश जारी करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देशित किया है। आदेश में कहा गया कि किस तरह से स्कूली बच्चों को आत्महत्या के बारे में समझाया जाए, बच्चों को आत्महत्या होने से वाले नुकसान और अन्य कारणों से अवगत कराया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग की इस पहल की सराहना पूरे प्रदेश में हो रही है।
मालूम हो कि 10 सितम्बर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर रोक लगाना है प्रायः यह देखा जाता हैं कि ऐसा तनाव जिसे व्यक्ति व्यक्त नहीं कर पाता और वह आत्महत्या का कारण बन जाता है। लेकिन हर आत्महत्या के पीछे एक सामान्य वजह होती है और वह है मन में निराशा की गहरी भावनाओं का घर कर जाना । विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस इस बात पर भी जोर देता हैं कि हमे स्वयं को हानि पहुंचाने वाले चेतावनी संकेतों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है ।
बच्चों को समझाया जाए
स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों को समझाया , उन्हें बताया जाए कि आत्महत्या से क्या होता है। इसके लिए विभाग ने एक पोस्टर तैयार किया है जिसमें आत्महत्या के कारण और उससे होने वाला नुकसान लिखा हुआ है।
मध्यप्रदेश में आत्महत्या के मामले में तीसरे नंबर पर
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में आत्महत्या के आंकड़ों में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है, वहीं मध्य प्रदेश में छात्रों व गृहिणियों की आत्महत्या की घटनाएं सबसे अधिक हैं । इस के मुख्य कारणों पर ध्यान दिया जाए तो एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार करियर संबंधी समस्याएं, अलगाव की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक समस्याएं, मानसिक विकार, मादक द्रव्यों का सेवन, वित्तीय नुकसान और लंबे समय तक चलने वाली बीमारी, स्वयं को हानि पहुंचाने के मुख्य कारण हैं।