मेट्रो बसों के थमे पहिए यात्री परेशान ऑटो, ई रिक्शा चालक वसूल रहे मनमाना किराया
जबलपुर यश भारत। मेट्रो बसों के पहिए थमने से यात्री परेशान हो रहे हैं। छात्र छात्राओं से लेकर हर वर्ग के ऐसे लोग प्रभावित हो रहे हैं जो मेट्रो बसों में सफर करके अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। उधर ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं। यश भारत की टीम को शहर और ग्रामीण इलाकों के छात्र छात्राओं ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि मेट्रो बसों के बंद होने से उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कॉलेज जाने के लिए ऑटो करनी पड़ रही है जिनके चालक अधिक किराया ले रहे हैं।
यह थी व्यवस्था,,,
जानकारी के अनुसार नागरिकों को सुलभ व सस्ती परिवहन सेवा उपलब्ध करा रहे नगर निगम के जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड द्वारा संचालित करीब 85 मेट्रों बसों में से रांझी रूट पर इक्का दुक्का बसें चलती नजर आ रही हैं। शहरी सीमा में बसों का संचालन करने नया रूट तैयार होगा। जिसमें अभी कितने दिन लगेंगे , ये कहना मुश्किल है। वहीं जे सी टी एस एल के सी ई ओ सचिन विश्वकर्मा ने शहर वासियों को विश्वास दिलाया है कि जल्द ही हाईकोर्ट के निर्देश पर मेट्रो बसें शहर और ग्रामीण इलाकों में फिर से संचालित होने लगेंगी। जानकारी के अनुसार विगत कुछ दिनों पहले जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड और निजी बस संचालक के बीच बसों के संचालन को लेकर मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। जिसमे 25 किलोमीटर के दायरे के संचालन का जिक्र किया गया है।
रोजाना हो रही परेशानी,,,
नागरिकों को सस्ती व सुलभ परिवहन सेवा के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। क्योंकि अभी स्पष्ट नहीं है कि मेट्रो बसें कब तक चलेंगी।उधर जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड द्वारा शहरी सीमा में बसों का संचालन करने नया रूट तैयार करने की प्लानिंग कर रहा है।
स्टेशन के बाहर ऑटो, ई रिक्शा चालकों की धमाचौकड़ी,,,
मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के बाहर आम तौर पर हर रूट की मेट्रो बसें खड़ी होती थीं। फ्लेटफार्म से निकलते ही यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध थी लेकिन अब स्टेशन के बाहर सन्नाटा पसरा रहता है। यहां इन दिनों ऑटो और ई रिक्शा चालकों की धमाचौकड़ी देखी जा सकती है।
शहरीय इलाकों के साथ ग्रामीण इलाके के रहवासी भी प्रभावित,,
मेट्रो बसों का संचालन बंद होने से जबलपुर सहित शहर सहित नगर निगम सीमा में शामिल पनागर, बरेला सहित भेड़ाघाट, बरगी, शहपुरा के यात्री भी परेशान हो रहे हैं। ये सभी रूट एक-दूसरे से जुड़े हैं।
2010 में शुरू हुआ था शहर में मेट्रो बसों का संचालन,,,
जानकारी के अनुसार शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए 13 वर्ष पहले मेट्रों बसों का संचालन शुरू हुआ था। नगर निगम ने जेएनएनयूएम के तहत वर्ष 2010 में 116 मेट्रो बसें खरीदी थीं। जिनका संचालन भी होता रहा, लेकिन कोरोना और फिर शहर में किए जा रहे बेढंगे निर्माण कार्यों के चलते 116 बसों में से वर्तमान में करीब 85 बसों का संचालन ही किया जा रहा है। जिसमें 55 बसें अमृत योजना से खरीदी गई नई बसें भी शामिल हैं।
हाईकोर्ट में एक पिटीशन हमारे द्वारा लगाई गई है, हूं पूरी उम्मीद है स्टे मिलेगा और फिर शहर और ग्रामीण इलाकों में एक बार फिऱ से मेट्रो बसों का संचालन शुरू किया जाएगा।
-सचिन विश्वकर्मा, सी ई ओ, जेसीटीएसएल।