राजस्व महाभियां 3.0, प्रदेश में 31 वे नंबर पर जबलपुर, टोटल स्कोर 0.62, बंटवारा और अभिलेख दुरूस्ती सफलता तो नक्शा बटाक जस का तस, खसरे से आधार लिंकन और किसान सम्मन निधि सैचुरेशन में लंबी पेंडेंसी
जबलपुर, यश भारत। राजस्व महा अभियान के तीसरे चरण में प्रशासन को एक और जहां बटवारा और अभिलेख दुरूस्ती में निर्धारित लक्ष्य के लगभग सभी मामले निपट चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ नक्शा बटाक को लेकर पेंडेंसी में कोई सुधार नहीं हुआ है । हालांकि इस मामले को लेकर अधिकारियों और तहसीलदारों द्वारा अपनी समस्याएं भी बताई थी। जिसमें नक्शा बटाक को लेकर कई तरह की आपत्तियों सामने आती हैं। जिसके चलते यहां पेंडेंसी बनी हुई है। इसके अलावा जो खसरों को आधार से लिंक करने का काम प्रदेश स्तर पर किया जा रहा उसमें भी लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिली है। वही किसान सम्मन निधि सैचुरेशन के काम को लेकर भी आंकड़े बहुत अधिक संतुष्ट करने वाले नही है।
इन प्रकरणों का हुआ है निपटारा
राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेशभर में चलाये जा रहे राजस्व महाअभियान 3.0 के अंतर्गत जबलपुर जिले में अभी तक 1 लाख 26 हजार 984 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा के अनुसार 15 नवम्बर से 26 जनवरी तक चलाये जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत जिले में दर्ज हुए बंटवारा, अभिलेख दुरूस्ती और परम्परागत रास्तों के चिन्हांकन के शत-प्रतिशत प्रकरणों का तथा नामांतरण के 99.98 एवं सीमांकन के 99.81 फीसदी निराकरण किया जा चुका है। निराकृत किये गये राजस्व प्रकरणों में नामांतरण के 4 हजार 699, बंटवारा के 199, अभिलेख दुरूस्ती के 244, सीमांकन के 1 हजार 076, परंपरागत रास्तों के चिन्हांकन के 4, नक्शा बटांकन के 20 हजार 501, आधार से आरओआर खसरे की लिंकिंग के 71 हजार 253, पीएम किसान ई-केवायसी के 3 हजार 471 एवं फार्मर रजिस्ट्री के 25 हजार 537 के प्रकरण शामिल हैं।
यह आंकड़े नहीं है संतोष जनक
राजस्व महा अभियान के तीसरे चरण में जिले में नक्शा बटाक को लेकर 1686310 प्रकरणों के निपटारे का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से मात्र 20501 प्रकरणों का निपटारा हो पाया है, वही 166782 मामले पेंडेंसी में पड़े हुए हैं । वहीं दूसरी तरफ आधार से खसरे को लिंक करने को लेकर 64300078 प्रकरणों का लक्ष्य था जिसमें से मात्र 710253 खसरे ही लिंक हो पाए हैं। जिसमें से 577521 खतरों की पेंडेंसी बरकरार है। इसी तरह से पीएम किसान सैचुरेशन को लेकर भी 12735 प्रकरणों का लक्ष्य था जिसमें से मात्र 3471 प्रकरण ही निपट पाए हैं।